अखिलेश ने बताया, नई समाजवादी पार्टी में मुस्लिम-यादव की जगह क्या होगा (M-Y) का मतलब
अखिलेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने किसानों के मुद्दों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है और युवाओं को रोजगार से वंचित रखा गया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की एक नई टैग लाइन 'नई हवा है, नया सपना है' के साथ सामने आई है। इसके साथ ही पार्टी ने अपने मुस्लिम-यादव फॉर्मूले (M-Y) को एक नया अर्थ दिया है। बता दें कि इसी मुस्लिम-यादव फॉर्मूले पर चलकर पार्टी कई पार सूबे की सत्ता पर काबिज हो चुकी है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्रकारों के साथ एक अनौपचारिक बातचीत में (M-Y) का नया मतलब बताया है। अखिलेश ने कहा, ‘नई सपा में एम-वाई का मतलब महिला और युवा है। हम अब बड़े परिप्रेक्ष्य में मुद्दों को संबोधित कर रहे हैं और जातिवाद से नहीं बंधे हैं।’
‘महिलाएं इस सरकार के शासन में सुरक्षित नहीं हैं’
अखिलेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने किसानों के मुद्दों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है और युवाओं को रोजगार से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘आगामी चुनाव के यही मुद्दे होंगे।’ महिलाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सूबे में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों ने साबित कर दिया कि वे इस सरकार के शासन में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन बनाई थी, लेकिन इस सरकार ने उन्हें बेअसर कर दिया। महिलाओं के बारे में सारी बातें कागजों पर होती हैं, हकीकत में नहीं।’ उन्होंने दावा किया कि जनता बीजेपी की सरकार से निराश है और समाजवादी पार्टी को सत्ता में वापस लाएगी।
‘बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करती’
अखिलेश ने कहा, 'समाजवादी पार्टी अपने संरक्षक मुलायम सिंह यादव की विचारधारा और नई रणनीतियों के साथ सरकार बनाएगी।' अखिलेश ने अपनी पार्टी के खिलाफ भाई-भतीजावाद के आरोपों का जोरदार खंडन किया और कहा कि सपा के पास हमेशा हर मेहनती, समाजवादी और उत्साही कार्यकर्ता के लिए जगह थी। उन्होंने कहा, ‘वह तो बीजेपी है जो अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करती है। जिन्होंने पार्टी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, उन्हें किनारे कर दिया गया है और दलबदलूओं को मंत्री बनाया जा रहा है।’
‘सपा बड़ी पार्टियों से हाथ नहीं मिलाएगी’
अपने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (PSPL) के प्रमुख शिवपाल यादव के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक ही विचारधारा वाले सभी दलों के साथ गठबंधन संभव है, लेकिन समाजवादी पार्टी बड़ी पार्टियों से हाथ नहीं मिलाएगी क्योंकि उनके साथ अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है। उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान रणनीतिक विकास कार्यों का श्रेय बीजेपी ले रही है।