लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़ित युवती के परिजन बेहद गमजदा हैं और हाल में रायबरेली में संदिग्ध हालात में हुए हादसे के बाद उनका प्रशासन से विश्वास उठ गया है। अखिलेश ने राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा ''पूरा परिवार दुख में है। उनका प्रशासन से विश्वास उठ गया है, क्योंकि उन्हें पहले दिन से ही न्याय के लिये संघर्ष करना पड़ा है।''
उन्होंने कहा ''पीड़िता को खुद पर हुए जुल्म के मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह का कदम उठाना पड़ा। उसके परिजन को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दायर मुकदमे को वापस लेने के लिए लगातार धमकाया जा रहा था।'' पूर्व मुख्यमंत्री मंगलवार को पीड़िता का हाल जानने के लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर गए थे।
गौरतलब है कि भाजपा विधायक सेंगर पर करीब दो साल पहले बलात्कार का आरोप लगाने वाली लड़की, उसकी चाची पुष्पा और मौसी शीला अपने वकील महेंद्र के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने रिश्तेदार महेश सिंह से रविवार को मुलाकात करने जा रही थीं। रास्ते में रायबरेली के गुरबख्श गंज क्षेत्र में उनकी कार और एक ट्रक के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में टक्कर हो गयी थी।
इस घटना में शीला (50) और पुष्पा (45) की मौत हो गयी थी। वहीं, लड़की और वकील महेंद्र सिंह गम्भीर रूप से घायल हो गये थे। दोनों की हालत बेहद नाजुक है और वे ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर पर हैं। इस मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 नामजद तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ सोमवार को हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। सरकार ने इस मामले की सीबीआई जाँच की सिफारिश भी कर दी है। इस लड़की ने वर्ष 2017 में उन्नाव से विधायक सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था और वह इस वक्त जेल में हैं।
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