लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं को चौपट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बुनियादी मुद्दों से भटकाने में भाजपा सरकार का कोई जवाब नहीं है। रविवार को समाजवादी पार्टी के मुख्यालय से जारी एक बयान में अखिलेश यादव ने दावा किया कि ''नीति आयोग की रिपोर्ट में बीमार स्वास्थ्य सेवाओं में उत्तर प्रदेश नम्बर एक है। चार साल की भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश का हेल्थ इंडेक्स स्कोर 5.08 प्वाइंट गिरकर 28.61 प्वाइंट पर आ गया है और भुखमरी में भी भाजपा राज में उत्तर प्रदेश नम्बर एक पर गिना जाने लगा है।''
अखिलेश यादव ने कहा, ''खुद केन्द्र सरकार के संस्थान प्रदेश की भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल होने का तमगा दे रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री हैं कि अपनी प्रशंसा खुद ही करने लगते हैं और जाने कहां से कौन प्रशस्ति पत्र ले आते हैं। वास्तविकता यह है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। '' उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के समय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के जो कदम उठाए गए थे रागद्वेष से भरी भाजपा सरकार ने उन्हें भी चौपट कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि दूसरों की नकल को अपनी अकल बताकर भाजपा नेतृत्व जनता को बरगलाने में ही अपनी सफलता समझता है लेकिन जनता सब जानती है, उसे बहकाया नहीं जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ''सच तो यह है कि भाजपा सरकार की आयुष्मान योजना के लाभार्थी अस्पतालों में टरकाए जाते हैं, गरीब की कहीं पूछ नहीं होती है, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का बड़ा शोर था, अब ये जगह-जगह बंद पड़े हैं। जहां खुले हैं वहां दवाइयों का अभाव है। अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। उनकी भर्ती रुकी हुई है। भाजपा सरकार रोजगार के झूठे आंकड़े और आश्वासन देती है। भाजपा राज में न मेडिकल कालेज खुले, नहीं एम्स बने।''
अखिलेश यादव ने कहा कि ''भाजपा कोरोना संकट के नियंत्रण में अपने काम का लेखा-जोखा पेश करते हुए खुद को ही शाबासी दे देती है लेकिन यह कौन भूलेगा कि कोरोना ग्रस्त लोगों के साथ किस तरह का दुर्व्यवहार किया गया। पीड़ितों से मनमानी रकम वसूली गई। आज भी भाजपा सरकार इस विपत्ति से बचाव के नाम पर टीका लगाने के लिए फीस तय कर रही है।''
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