CM योगी और मंत्रियों की रात्रि चौपालों से लोग परेशान: अखिलेश यादव
अखिलेश ने अपने बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों की चौपाल से गांवों के लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो जा रही है। सरकारी अमले की भाग-दौड़ से गांव के लोग अपने जरूरी काम भी नहीं निबटा पा रहे हैं...
लखनऊ: भाजपा सरकार के मंत्रियों और पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की इन दिनों चल रही रात्रि चौपालों पर कटाक्ष करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर इन्हें किसानों की चिंता होती तो वे फसल कटाई के मौसम में गांवों में जाकर अव्यवस्था फैलाने का उपक्रम नहीं करते। भाजपा ने गांव और किसान को बर्बाद करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दिनों गांवों में किसान अपनी फसल की मड़ाई-कटाई में व्यस्त हैं। उनके लिए ये बहुत काम के दिन हैं, लेकिन इन्हीं दिनों भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री गांवों में चौपाल और रात्रि विश्राम करने लगे हैं। वे दिखावा करने में व्यस्त हैं और उनके सुरक्षाकर्मियों और सरकारी लाव-लश्कर की मौजूदगी से गांव के लोगों को परेशानी हो रही है।
अखिलेश ने अपने बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों की चौपाल से गांवों के लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो जा रही है। सरकारी अमले की भाग-दौड़ से गांव के लोग अपने जरूरी काम भी नहीं निबटा पा रहे हैं। गांवों में विकास कार्य पहले से ही रुके हुए हैं। चौपाल लगने से कोई सकारात्मक परिणाम भी नहीं निकल रहे हैं। लोगों की शिकायतें कार्यवाही के बिना अनसुनी ही रह जाती हैं।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने चौपाल की बहुत चर्चा की है लेकिन उसके नतीजे सिफर हैं। उपमुख्यमंत्री की चौपाल में कई प्रमुख अधिकारी नदारद रहे। अब अधिकारी मंत्रियों की सुनने को भी तैयार नहीं तो अंदाजा लग जाता है कि इस सरकार के क्या हाल हैं। यह भी विडंबना है कि मंत्रिमंडल के सहयोगी मंत्री और विधायक खुद अपनी ही सरकार और अपने मुख्यमंत्री की भी खिलाफत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक उपमुख्यमंत्री ने तो अधिकारियों पर अपने कार्यकर्ताओं का ही उत्पीड़न करने का आरोप लगा दिया है। जब सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही तो आम जनता का क्या हाल होगा?
अखिलेश ने कहा कि भाजपा के प्रति किसानों में गहरा आक्रोश है। किसानों का कहना है कि 'हमें सोने वाली सरकार नहीं चाहिए। सरकार जागरूक होनी चाहिए और काम करने वाली सरकार हो तभी उनकी समस्या का समाधान हो सकेगा। जिनकी मंशा सिर्फ दिखावा करना हो, वे समाधान क्या करेंगे।'