प्रयागराज जाकर सुर्खियां बटोरना चाहते थे अखिलेश : सिद्धार्थनाथ सिंह
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रयागराज जाकर सुर्खियां बटोरने के अलावा और कुछ नहीं करने वाले थे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रयागराज जाकर सुर्खियां बटोरने के अलावा और कुछ नहीं करने वाले थे। सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''जो देखने को मिल रहा है कि आप (अखिलेश) ये (प्रयागराज जाकर) सुर्खियां बटोरने के अलावा और कुछ नहीं करने वाले थे।''
स्वास्थ्य मंत्री सिंह ने कहा कि अखिलेश कह रहे हैं कि विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में अराजकता और हिंसा को लेकर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि अखिलेश को पता होना चाहिए कि सरकार ने निष्पक्ष रहते हुए कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा, ‘‘अब अखिलेश झूठ भी बोलने लगे हैं। पहले तो लग रहा था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अलग हैं क्योंकि राहुल झूठ बोलने के मास्टर हैं । अखिलेश ने भी इसी लाइन को पकड़ लिया है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘अखिलेश का आरोप है कि प्रयागराज में भाजपा नेता लगे थे । अखिलेश को कोई फोटो या चित्र मिल जाए तो वही दिखा दें और साबित कर दें कि हममें से कोई वहां गया था।’’
उल्लेखनीय है कि अखिलेश ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि भाजपा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चुनाव को अपना चुनाव मान रही थी और पूरी सरकार तथा उसके मंत्री चुनाव लड़ रहे थे। उनका आरोप था कि जब इसमें सपा समर्थित प्रत्याशी जीत गया तो उसके हॉस्टल के कमरे में आग लगा दी गयी। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में सपा समर्थित प्रत्याशी के हाथों अपने उम्मीदवार को मिली पराजय से तिलमिलायी प्रदेश की भाजपा सरकार ने उन्हें छात्रसंघ कार्यक्रम में शरीक होने से रोक दिया।
इलाहाबाद विश्वविदयालय में छात्रों के कार्यक्रम में शामिल होने जाने पर अखिलेश को लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अडडे पर प्रयागराज जाने से रोक दिया गया। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने तय किया था कि किसी भी राजनेता, राजनीतिक कार्यकर्ता और राजनीतिक पार्टियों से संबंधित व्यक्तियों को :छात्रसंघ के: उक्त कार्यक्रम में सम्मिलित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी । उन्होंने कहा कि यह जानकारी जिलाधिकारी प्रयागराज की ओर से अखिलेश को दी गयी थी।
अखिलेश ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्था है और यह विश्वविद्यालय का खुद का निर्णय था। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश को विश्वविद्यालय के गेट पर घुसने नहीं दिया जाता को वह और उनके साथी वहां माहौल बनाते और फिर देश भर में उसकी 'पिक्चरें' चलतीं ।