बहुमत नहीं मिलने पर मायावती से हाथ मिलायेंगे अखिलेश ?
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में नए तरह के गठबंधन के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वह त्रिशंकु
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में नए तरह के गठबंधन के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वह त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 'रिमोट कंट्रोल' से सरकार नहीं चलाने देंगे। अखिलेश यादव ने बीबीसी हिंदी से बातचीत में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सपा-कांग्रेस का गठबंधन उत्तर प्रदेश में जीत हासिल करेगा।
यह पूछे जाने पर कि स्पष्ट जनादेश नहीं आने पर क्या वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाथ मिलाएंगे, अखिलेश ने कहा कि वह भाजपा को रिमोट कंट्रोल के जरिए उत्तर प्रदेश को नहीं चलाने देंगे। बसपा प्रमुख मायावती के साथ जाने पर उन्होंने कहा, "मैं बसपा नेता को आदरसूचक शब्द (बुआ) से संबोधित करता हूं। इससे अधिक अभी मैं कुछ और नहीं कह सकता।" गुरुवार को सामने आए अधिकांश एग्जिट पोल में उत्तर प्रदेश में किसी को भी बहुमत नहीं मिलने का अनुमान जताते हुए कहा गया है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है।
वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने बड़ा बयान दिया है। आजम खान ने कहा है कि अगर यूपी में समाजवादी पार्टी हारती है तो इसके लिए अखिलेश यादव जिम्मेदार नहीं होंगे।
आजम खान यूपी में अखिलेश यादव और यादव परिवार के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं। यादव में जारी कलह के दौरान आजम खान एक अकेले ऐसे नेता थे जो आखिरी समय में इसी प्रयास में लगे रहे थे कि परिवार में सुलह हो जाए और अखिलेश यादव तथा मुलायम सिंह यादव में कोई दूरी न रहे।
वहीं दूसरी ओर खबर है कि कांग्रेस और जेडी(यू) अखिलेश और बीएसपी चीफ मायावती के बीच कड़वाहट खत्म करने के लिए पिछले कुछ महीनों से कोशिश कर रही है। दोनों दलों के नेता अखिलेश और मायावती कैम्प को बिहार की तरह 'महागठबंधन' के लिए मना रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, जेडी(यू) चीफ और बिहार के CM नीतीश कुमार इन दोनों को एक मंच पर लाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के एक करीबी सीनियर नेता से पिछले दो महीने के अंदर दो बार बात भी कर चुके हैं।
कांग्रेस का मानना है कि अगर 2019 से पहले यह गठबंधन हो गया तो फिर पीएम नरेंद्र मोदी को रोकना संभव हो सकता है। बिहार में पहले से ही महागठबंधन आकार ले चुका है। कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि मुलायम सिंह यादव का एसपी से प्रभुत्व कम होने के बाद अखिलेश और मायावती के बीच बातचीत करने की संभावना बन गई है।