लखनऊ: समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठजोड़ के एक प्रत्याशी के चुनाव हारने के बाद शनिवार को सपा मुख्यालय पर होने वाले राज्यसभा जीत के जश्न के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 9 जबकि समाजवादी पार्टी ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। इन चुनावों में बहुजन समाज पार्टी के कैंडिडेट भीमराव आंबेडकर को हार का सामना करना पड़ा था। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश से अपने 9वें प्रत्याशी के रूप में अनिल अग्रवाल को उतारकर सपा-बसपा गठजोड़ की चुनावी गणित को गड़बड़ा दिया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को सपा मुख्यालय पर राज्यसभा में जीत के बाद एक समारोह का आयोजन होना था जिसमें पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत सभी बड़े नेताओं को भाग लेना था। राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी जया बच्चन तो जीत गईं लेकिन सपा समर्थित बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर हार गए। बीएसपी प्रत्याशी को मिली हार के बाद अखिलेश यादव ने इस समारोह को रद्द करने का फैसला लिया। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और विधानपरिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने बताया, 'आज पार्टी मुख्यालय में एक समारोह का आयोजन किया जाना था जिसमें दोनो पार्टियों के जीते हुये प्रत्याशियों को शामिल होना था, लेकिन चूंकि हमारे सहयोगी दल बसपा का प्रत्याशी चुनाव हार गया इसलिए अब इस समारोह का कोई औचित्य नही है। इसीलिए यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।'
उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगी दल बसपा के प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर चुनाव जीत जाते लेकिन सत्तारूढ़ दल ने पैसे और सत्ता का गलत इस्तेमाल कर अपने नौंवे प्रत्याशी को चुनाव जिता लिया। इससे पहले बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा ने भी कुछ ऐसा ही आरोप सत्तारूढ़ बीजेपी पर लगाया था कि राज्यसभा चुनावों में यूपी की सत्तारुढ़ पार्टी ने सत्ता का गलत इस्तेमाल किया। बीजेपी कैंडिडेट अनिल अग्रवाल प्रथम वरीयता के वोटों के लिहाज से बसपा कैंडिडेट से पीछे थे लेकिन दूसरी वरीयता के मतों ने उन्हें जीत दिला दी।
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