नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने किसानों के बीच लंगर सेवा की और कहा कि वह अपने खून की आखिरी बूंद तक किसानों के साथ संघर्ष करते रहेंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते करीब दो महीनों से भी ज्यादा वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। कांग्रेस भी इन कानूनों की वापसी की मांग कर रही है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने का ऐलान किया। उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "पसीने से फसल सींचकर देश का पेट भरने वाले किसानों के साथ अपने खून की आखिरी बूंद तक संघर्ष करता रहूंगा।"
वहीं, उन्होंने वीडियो में कहा, "जिस सरकार ने मेरे ऊपर 3 महीने में 55 केस दर्ज किए, 1 साल में 50 बार गिरफ्तार किया, क्या वह मुकदमों से डरेगा।" उन्होंने कहा, "राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता इस किसान आंदोलन के साथ खड़ा है और इनकी जायज मांगों के साथ खड़ा है। इन कानूनों को सरकार को हर हाल में रद्द करना पड़ेगा।"
इस ट्वीट से ठीक पहले उन्होंने किसानों के बीच लंगर सेवा का एक वीडियो भी ट्वीट किया था। वीडियो में वह वह किसानों को खाना परोसते नजर आ रहे हैं। वीडियो गाजीपुर बॉर्डर का है। उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "गाजीपुर बॉर्डर पर सत्याग्रही किसान भाइयों की लंगर सेवा।" इसके बाद उन्होंने वहां किसानों के बीच खाने की तस्वीरें भी साझा की।
बता दें कि अजय कुमार लल्लू शुक्रवार को भी गाजीपुर बॉर्डर आए थे और किसानों को समर्थन दिया था। किसानों को समर्थन देने के बाद अजय कुमार लल्लू ने कहा था, "अब तक 68 दिन में 170 से अधिक किसानों ने इस आन्दोलन की सफलता के लिए शहादत दी है।"
उन्होंने कहा था, "भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाये हुए है। सरकार किसानों को केवल तारीख पर तारीख देती रही है किन्तु उसकी मंशा समाधान का नहीं रहा। वह किसानों को थकाओ और भगाओ की साजिश करती रही है। यही कारण है कि 11 बार किसानों के साथ बैठक के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला।"
अजय कुमार लल्लू ने कहा, "सरकार अपने चंद उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए हठधर्मिता, अड़ियल रूख और अहंकार के माध्यम से किसानों के विरूद्ध षडयंत्र के तहत वार्ता का ढोंग करती रही और अपमानित भी करती रही। जिसका पर्दाफाश हो चुका है। भाजपा सरकार का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है।"
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