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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश अब मोदी के विजय रथ को रोकेंगे मायावती-अखिलेश, 'बुआ-बबुआ' बैठक की इनसाइड स्टोरी

अब मोदी के विजय रथ को रोकेंगे मायावती-अखिलेश, 'बुआ-बबुआ' बैठक की इनसाइड स्टोरी

जानकारी के मुताबिक मायावती अखिलेश की करीब एक घंटे मुलाकात चली। मायावती ने अखिलेश से उनके बच्चों के बारे में पूछा। मायावती ने कहा कि भाजपा को उम्मीद नहीं थी कि सपा-बसपा मिलकर दोनों सीटें जीत लेंगी।

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नई दिल्ली: एक-दूसरे से हाथ मिलाकर उपचुनाव में मोदी लहर को थामने वाले अखिलेश यादव और मायावती अब आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। बुधवार रात इन दोनों के बीच करीब एक घंटे की बातचीत हुई। अखिलेश जीत की बधाई देने मायावती के घर गए थे। यूं तो ये मुलाकात वन टू वन थी लेकिन बुआ और बबुआ की कुछ बातें छिप नहीं सकीं। लखनऊ में अखिलेश और मायावती का सरकारी आवास पास-पास ही है लेकिन इसे तय करने में तैईस साल लग गए। खैर दोनों नेता मिले लेकिन मुलाकात के दौरान कमरे में इन दोनों के अलावा कोई नहीं था। यानि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और बीएसपी की सुप्रीमो वन टू वन मीटिंग में देश का राजनीतिक समीकरण बदलने पर चर्चा कर रहे थे।

जानकारी के मुताबिक मायावती अखिलेश की करीब एक घंटे मुलाकात चली। मायावती ने अखिलेश से उनके बच्चों के बारे में पूछा। मायावती ने कहा कि भाजपा को उम्मीद नहीं थी कि सपा-बसपा मिलकर दोनों सीटें जीत लेंगी। मायावती ने अखिलेश से अब ज़्यादा सावधानी से सियासत करने की बात कही। मायावती ने अखिलेश से कहा कि इस हार के बाद भाजपा ज्यादा अलर्ट हो जाएगी। मायावती ने कहा कि 23 साल पहले मुलायम से आखिरी बार मिली थीं अब आज उनके परिवार के किसी सदस्य से मिल रही हूं।

सूत्रों के मुताबिक अखिलेश से मिलकर मायावती बहुत खुश नज़र आईं। यूपी में इस जीत पर अखिलेश ने मायावती को धन्यवाद कहा साथ ही चुनाव में बसपा कार्यकर्ताओं की मेहनत की जमकर तारीफ भी की। अखिलेश ने मायावती से कहा कि वो आज सिर्फ धन्यवाद देने आए हैं। मायावती ने कहा कि अब भाजपा इस हार के बाद राज्यसभा चुनाव में वो सीट हर हाल में जीतने की कोशिश करेगी जिनपर बसपा के उम्मीदवार भीमवार अंबेडकर लड़ रहे हैं।

देशभर मे चल रही भाजपा लहर को रोकने के लिए यूपी संग्राम की छोटी लड़ाई में दो दुश्मनों ने हाथ मिलाया और ऐसा चमत्कार किया जिसकी उम्मीद खुद एसपी और बीएसपी को नहीं थी। उपचुनाव में तो यूपी की जनता ने बुआ और बबुआ की इस जोड़ी पर मुहर लगा दी है अब देखना होगा कि क्या ये जोडी इस गठबंधन को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक ले जाती है या नहीं।

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