नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकारी बंगला खाली करने को लेकर खलबली मच गई है। एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है। जो पूर्व मुख्यमंत्री कई सालों से इन बंगलों पर कब्जा जमाए बैठे हैं उनको अब ये बंगला खाली करना होगा। यूपी के राज्य संपत्ति विभाग ने 15 दिन में बंगला खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है। ये सभी बंगले वीवीआईपी जोन में आते हैं।
इस समय छह पूर्व मुख्यमंत्रियों नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव के पास सरकारी बंगले हैं जो वीवीआईपी जोन में पड़ते हैं। इन्हें इन बंगलों में जीवनभर रहने का अधिकार मिला हुआ था। कल्याण सिंह इस समय राजस्थान के राज्यपाल हैं, जबकि राजनाथ सिंह केंद्रीय गृहमंत्री हैं। राज्य संपत्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “नोटिस जारी किए जा रहे हैं. कल सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये पहुंच जाएंगे।”
सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में अपने आदेश में कहा था कि अपने पद से हटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला दिया जाना ठीक नहीं है और वो सरकारी बंगले में नहीं रह सकते इसलिए इनसे बंगले खाली करवाए जाएं। कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर किसी मुख्यमंत्री का कार्यकाल खत्म होता है तो वह आम आदमी की तरह है। सुप्रीम कोर्ट ने लोक प्रहरी नाम के एनजीओ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया था।
इस बीच समाजवादी पार्टी के संरक्षक और सांसद मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। माना जा रहा है कि मुलायम ने योगी से अपने बंगले से जुडे़ मुद्दे पर चर्चा की। मुलायम और सीएम के बीच चर्चा के दौरान यह भी कहा गया कि अगर मुलायम और अखिलेश के सरकारी बंगले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी और विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के नाम कर दिए जाएं तो आवास बच सकते हैं। यह भी चर्चा हुई कि कल्याण सिंह का आवास उनके पोते और राज्यमंत्री संदीप सिंह को आवंटित कर दिया जाए।
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