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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट के बाद अब उत्तर प्रदेश करेगा 'टमाटर महोत्सव' की मेजबानी

स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट के बाद अब उत्तर प्रदेश करेगा 'टमाटर महोत्सव' की मेजबानी

'टमाटर महोत्वसव' की तारीख को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इस खास महोत्सव में प्रसिद्ध 'बनारसी टमाटर चाट' कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा।

Strawberry Festival, Dragon Fruit Festival, Tomato Festival, Strawberry- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL उत्तर प्रदेश में फरवरी फल और सब्जी के त्योहारों के महीने के रूप में उभर रहा है।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में फरवरी फल और सब्जी के त्योहारों के महीने के रूप में उभर रहा है। स्ट्रॉबेरी, शकरकंद और ड्रैगन फ्रूट फेस्टिवल्स के बाद, योगी आदित्यनाथ सरकार टमाटर, उसके व्यंजन, पेय और विभिन्न उत्पादों की खपत को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी में 'टमाटर महोत्सव' की मेजबानी करने वाली है। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, 'टमाटर महोत्वसव' की तारीख को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इस खास महोत्सव में प्रसिद्ध 'बनारसी टमाटर चाट' कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा।

‘जल्दी ही घोषित होंगी महोत्सव की तारीखें’
संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा, ‘टमाटर महोत्सव आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। महोत्सव के आयोजन स्थल और तिथियों को जल्द ही घोषित किया जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने कृषि, बागवानी, संस्कृति, पर्यटन विभागों की भूमिकाओं को निर्धारित करने के लिए वनस्पति अनुसंधान संस्थान, वाराणसी नगर निगम और वाराणसी विकास प्राधिकरण के साथ बैठकें कर रहे हैं।’ 

‘टमाटर की खेती में ज्यादा है जोखिम’
जिला बागवानी अधिकारी, संदीप कुमार गुप्ता ने कहा, ‘टमाटर और प्याज दो सब्जियां हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर कीमतों में उतार-चढ़ाव होते हैं। जब कीमतें बढ़ने लगती हैं, तो बड़े पैमाने पर मुश्किलें बढ़ जाती हैं। लेकिन, ज्यादातर टमाटर की कीमत नहीं बढ़ती है और किसान इसे 3 रुपये से 10 रुपये प्रति किलोग्राम में बेचने के लिए मजबूर होते हैं। टमाटर उत्पादकों के लिए जोखिम भी अधिक है क्योंकि यह खराब हो जाता है और इसे लंबे समय तक संग्रहीत नहीं किया जा सकता है।’

Image Source : Pixabay Representationalयूपी में इसके पहले ड्रैगन फ्रूट फेस्टिवल भी हो चुका है।

‘किसानों को मिलेगी अच्छी कीमत’
गुप्ता ने कहा, ‘मोटे अनुमान के अनुसार, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली के नौगढ़ बेल्ट, गाजीपुर और वाराणसी में 5,000 हेक्टेयर में टमाटर की खेती की जाती है, और औसतन 350 क्विंटल हाइब्रिड टमाटर का प्रति हेक्टेयर उत्पादन किया जाता है। यह सरकार का एक अच्छा कदम है और टमाटर की स्थानीय और औद्योगिक खपत बढ़ाने में मदद करेगा जो किसानों के लिए अच्छी कीमत सुनिश्चित करेगा।’

‘टमाटर से बने व्यंजनों का होगा प्रदर्शन’
इस महोत्वस को करवाने का जिम्मा जिस इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को सौंपा गया है, उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव गर्ग ने कहा, ‘यह एक अनूठा कार्यक्रम होगा। गृहिणियां और मास्टर शेफ अपने स्वयं के व्यंजन पकाएंगे। जबकि होटल, रेस्तरां और विक्रेता भी अपने टमाटर से बने व्यंजन का प्रदर्शन करेंगे। यह कार्यक्रम कृषि उद्योगों को आकर्षित करने पर केंद्रित होगा।’

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