नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। पहले जमीन कब्जाने का आरोप, फिर किताबें चोरी का इल्जाम और अब पत्थर के शेर चुराने का आरोप लगा है। वहीं अब अपने सांसद को बुरी तरह फंसते देख समाजवादी पार्टी के मुखिया ने मोर्चा खोल दिया है। अखिलेश यादव आज रामपुर में आजम खान के खिलाफ हो रही कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन करने वाले हैं।
पिछले कुछ दिनों से जौहर यूनिवर्सिटी में लगातार पुलिस और दूसरी जांच एजेंसियां पहुंच रही हैं। बुधवार को भी जब ये सिलसिला जारी रहा तो मौके पर आजम खान के बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम आ धमके और सरकारी काम पर सवाल उठाने लगे। हंगामा शुरू हो गया। माहौल बिगड़ता देख पुलिस भी हरकत में आई और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि कुछ घंटे बाद अब्दुल्ला आजम को एक लाख के मुचलके पर जमानत दे दी गई जिसके बाद अब्दुल्ला आजम जौहर यूनिवर्सिटी के गेट के सामने ही धरने पर बैठ गए। दरअसल पूरा मामला मदरसा आलिया से चोरी हुई किताबों और रामपुर क्लब से गायब पत्थर के शेरों से जुड़ा है जिसकी जांच के लिए पुलिस की टीम बुधवार को जौहर यूनिवर्सिटी पहुंची थी। जांच अधिकारियों का कहना है कि पत्थर के शेर यूनिवर्सिटी में मिले हैं जबकि चोरी हुई करीब 9 हजार किताबों में से 2 हजार किताबें भी यूनिवर्सिटी से बरामद की गई हैं।
अब जब आजम खान और उनके परिवार का कानून का शिकंजा कस रहा है तो पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव सामने आए हैं। उनकी तरफ से पार्टी ने ट्वीट कर रामपुर के आसपास के पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को आज रामपुर पहुंचने को कहा है।
अखिलेश यादव के निर्देश के अनुसार वरिष्ठ समाजवादी नेता आजम खान के साथ हो रहे सरकारी उत्पीड़न के खिलाफ 1 अगस्त सुबह 10 बजे बरेली, पीलीभीत, संभल, बदायूं, अमरोहा, मुरादाबाद और बिजनौर के सभी समाजवादी पार्टी नेता, कार्यकर्ता और पदाधिकारी रामपुर पहुंचे।
इससे पहले जौहर यूनिवर्सिटी में सर्च ऑपरेशन और अब्दुल्ला आजम की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता राजभवन के सामने जमा हो गए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया और फिर गिरफ्तारियां दी।
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