वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के एक छात्र ने वाराणसी पुलिस को ट्वीट कर मस्जिद से निकलने वाली अजान की आवाज से तनाव होने की शिकायत की है, जिसपर पुलिस ने करवाई का निर्देश दिया है। छात्र करुणेश पांडेय ने बृहस्पतिवार की सुबह जिलाधिकारी वाराणसी, एडीजी जोन वाराणसी और वाराणसी पुलिस को ट्वीट कर बताया, ‘‘मैं करुणेश पांडेय वाराणसी के भदैनी में कमरा लेकर रहता हूं। हमारे बगल में मस्जिद है, जहां से प्रत्येक सुबह, दोपहर, शाम और रात लाउडस्पीकर पर जोर-जोर से चिल्लाने से मानसिक अवरोध उत्पन्न होता है। महोदय से निवेदन है कि यथोचित उपाय करें।’’
छात्र की शिकायत के बाद वाराणसी पुलिस ने कार्रवाई का निर्देश दिया और छात्र के ट्वीट के जवाब में ट्वीट करते हुए लिखा, ‘उक्त प्रकरण के संबंध में भेलूपुर प्रभारी निरीक्षक को निर्देशित किया गया है।’’
बता दें कि इससे पहले प्रयागराज में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर ने शिकायत की थी कि अजान की वजह से उनकी नींद में खलल पड़ती है। वाइस चांसलर डॉ. संगीता श्रीवास्तव ने पुलिस और प्रशासन के अफसरों से की शिकायत की कि लाउडस्पीकर से अजान होने से वे ठीक से सो नहीं पाती हैं, नींद में खलल पड़ती है इसलिए लाउडस्पीकर से अजान पर रोक लगाई जाए।
प्रोफेसर की शिकायत के बाद पुलिस ने बड़ा फैसला लिया। प्रयागराज के पुलिस महानिरीक्षक ने जिला मजिस्ट्रेट से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित रहे। प्रयागराज रेंज के अंतर्गत आने वाले 4 जिलों के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को लिखे पत्र में आईजी पी.पी. सिंह ने कहा है कि अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों को लागू करना चाहिए।
बता दें कि जनवरी 2020 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला दिया था कि कोई भी धर्म पूजा-अर्चना के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की वकालत नहीं करता है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के उस प्रशासनिक आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया था। प्रोफेसर के सवाल उठाने के बाद मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने उनके घर की तरफ से लाउडस्पीकर हटा लिया है और दो अन्य लाउडस्पीकर्स की दिशा बदल दी है।
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