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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश हाथरस मामले में नाराजगी के चलते एडीजी स्थापना पीयूष आनंद को हटाया गया

हाथरस मामले में नाराजगी के चलते एडीजी स्थापना पीयूष आनंद को हटाया गया

हाथरस मामले में नाराजगी के बाद आगरा के एडीजी पीयूष आनंद को हटा दिया है। उन्हें अब एडीजी रेलवे बना दिया गया है।

ADG of Agra Piyush Anand removed due to resentment in Hathras case - India TV Hindi Image Source : PTI ADG of Agra Piyush Anand removed due to resentment in Hathras case 

आगरा: हाथरस मामले में नाराजगी के बाद एडीजी स्थापना पीयूष आनंद को हटा दिया है। उन्हें अब एडीजी रेलवे बना दिया गया है। पीयूष आनंद को एक हज़ार जवानों को सिविल पुलिस से वापस पीएसी में भेजने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है। मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराज़गी के बाद पीयूष आनन्द के खिलाफ कार्यवाही हुई है। अब संजय सिंघल को एडीजी स्थापना बनाया गया है। 

हाथरस मामले को जैसे डील किया गया उसे लेकर शुरु से ही पुलिस पर सवाल उठते रहे है। इससे पहले भी इस मामले में 5 पुलिकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार के बाद जिंदगी की जंग हारने वाली दलित युवती के परिजन को सोमवार को अदालत में पेश करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के निर्देश को अमल में लाने के लिये जिला पुलिस प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। पीड़ित परिवार को लखनऊ खंडपीठ के समक्ष पेश करने की जिम्मेदारी हाथरस के जिला न्यायाधीश ने संभाली है और वह जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर परिजन को सुरक्षित अदालत पहुंचने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। 

उच्च न्यायालय के आदेश पर हाथरस के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भी सोमवार को अदालत के समक्ष पेश होना है। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने शनिवार को कहा ,‘‘उच्च न्यायालय ने परिजन को अदालत में पेश करने के मामले में जिला न्यायाधीश को नोडल अधिकारी बनाया है, वह और हाथरस के जिलाधिकारी मिल कर इस मामले पर विस्तृत कार्ययोजना बना रहे हैं। इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हाथरस पुलिस की होगी जिसके लिये हम विस्तृत कार्ययोजना बना रहे है।'' 

उन्होंने कहा कि ''चूंकि मामला उच्च न्यायालय से जुड़ा है इसलिये हम पीड़ित परिवार की सुरक्षा के इंतजाम और उन्हें लखनऊ ले जाने संबंधी जानकारी मीडिया को नहीं दे सकते।'' जायसवाल ने बताया कि शनिवार शाम तक परिजन को लखनऊ ले जाने की पूरी सुरक्षा व्यवस्था का ब्लू प्रिंट तैयार हो जाएगा और उसे उच्च न्यायालय भेज दिया जाएगा। गौरतलब है कि एक अक्टूबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को समन जारी कर सभी से 12 अक्टूबर को अदालत में पेश होने और मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा था। 

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