प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्वामी चिन्मयानंद मामले में भाजपा नेता से पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगने की आरोपी विधि की छात्रा को बुधवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति एस.डी. सिंह ने संबंधित पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद शाहजहांपुर की कानून की छात्रा की जमानत की अर्जी मंजूर कर ली। अदालत ने कहा कि इस मामले में पुलिस पहले ही जांच पूरी कर चुकी है और छात्रा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
अदालत ने आगे कहा कि किसी भी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा कोई उचित आशंका नहीं जताई गई है कि यदि छात्रा को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह मुकदमे की सुनवाई में विलंब कर सकती है और इसलिए उसे आगे और हिरासत में रखने की कोई जरूरत नहीं है। चिन्मयानंद के अधिवक्ता ने विधि छात्रा की जमानत की अर्जी का इस आधार पर विरोध किया कि उसने जासूसी कैमरा छिपा रखा था जिसका उपयोग स्वामी चिन्मयानंद की वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए किया गया।
वहीं दूसरी ओर, छात्रा के वकील ने दलील दी कि छात्रा यौन शोषण की शिकार है और उसके खिलाफ सभी आरोप मनगढंत हैं। वकील ने कहा कि चिन्मयानंद ने लंबे समय तक कानून की छात्रा का यौन शोषण किया। उल्लेखनीय है कि एसआईटी ने चिन्मयानंद की शिकायत पर विधि की छात्रा और उसके तीन मित्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। चिन्मयानंद की शिकायत थी कि छात्रा और उसके मित्रों ने उनसे पांच करोड़ रुपये की मांग की थी और आपत्तिजनक वीडियो जारी करने की धमकी दी थी।
कानून की छात्रा का यौन शोषण का आरोप लगने के करीब एक महीने बाद स्वामी चिन्मयानंद को 20 सितंबर, 2019 को एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी ही शहजहांपुर में इस मामले की जांच कर रही है। चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने 20 सितंबर, 2019 को छात्रा के तीन मित्रों को गिरफ्तार किया और बाद में फिरौती के मामले में उसे भी गिरफ्तार किया।
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