प्रयागराज। राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में पैठ मजबूत करने के लिए आम आदमी पार्टी ने अगले साल सितंबर में इस प्रदेश में होने जा रहे जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े करने का निर्णय किया है। राज्यसभा सदस्य एवं आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी संजय सिंह ने यहां सर्किट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि पार्टी जल्द ही एक राज्यस्तरीय राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) का गठन करेगी जो संगठन की गतिविधियों पर नजर रखेगी।
उन्होंने कहा, “मैं उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्णय का स्वागत करता हूं जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता के बीच कराने की बात कही गई है। इससे करोड़ों रुपये के खरीद-फरोख्त के धंधे और राजनीतिक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।”
सिंह ने बताया कि एक सितंबर से पूरे प्रदेश में आम आदमी पार्टी का सदस्यता अभियान प्रारंभ किया जाएगा जिसके तहत दो महीने तक गांवों में जनसंपर्क किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पहला चुनाव 2014 में लोकसभा का लड़ा था। इसके बाद पार्टी ने नगर निकाय के चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े किए थे जिसमें लगभग 50 पार्षद और दो चेयरमैन जीते थे।
देश में भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं पर सिंह ने कहा, “मॉब लिंचिंग पूरे समाज के लिए कलंक है। इसे सत्ता का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए मॉब लिंचिंग की घटनाएं रोज हो रही हैं। अगर सरकार इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाती है तो ये घटनाएं बढ़ेंगी।”
शुक्रवार को संसद में पेश हुए आम बजट पर सिंह ने कहा, “निर्मला सीतारमण जी ने रेलवे के ढांचागत विकास के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत बताते हुए पीपीपी मॉडल लाने की बात कही। यह रेलवे के निजीकरण की शुरुआत है और रेल के निजी हाथों में जाने से यह यात्रियों के लिए परेशानियों का एक संकेत है।”
उन्होंने कहा, “कर्मयोगी पेंशन स्कीम के तहत छोटे व्यापारियों को 3,000 रुपये पेंशन देने की बात कही गई है। सरकार पहले खुदरा क्षेत्र में एफडीआई लाकर छोटे व्यापारियों का व्यापार बंद करेगी और फिर 3,000 रुपये देकर उन्हें योग करने के लिए छोड़ देगी।”
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