इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने की राज्य सरकार की अधिसूचना पर सोमवार को रोक लगा दी। अदालत ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया जिसके बाद इस मामले की सुनवाई होगी।
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की पीठ ने गोरखनाथ नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया। इस याचिका में कहा गया है कि भारत का संविधान केंद्र सरकार को इस तरह के संशोधन करने और अनुसूचित जाति की सूची में एक वर्ग को शामिल करने का अधिकार देता है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा इस तरह का निर्णय करना संविधान के अनुच्छेद 341 का उल्लंघन है क्योंकि राज्य सरकार खुद से एक जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकती।
याचिकाकर्ता के मुताबिक, राज्य सरकार ने ओबीसी वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के लिए इस साल जून में एक आदेश जारी किया है। इन 17 जातियों में कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, माझी, मल्लाह, धीमर और मछुआ शामिल हैं।
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