नई दिल्ली: यह खबर उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले की है जहां सात माह की बच्ची की मौत हो जाने के कारण एंबुलेंस व शव वाहन नहीं मिलने पर उसके मामा ने शव को कंधे पर रख साईकिल से 10 किमी का सफर तय किया। मृतक का नाम पूनम बताया जा रहा है जो सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव के अनंत कुमार की बेटी थी। सोमवार सुबह पूनम को उल्टी दस्त होने लगे तो उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। दोपहर करीब 1 बजे वहां उसकी मौत हो गई। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
परिवार वालों के पास उसे घर ले जाने के लिए कोई साधन नहीं था, तो पूनम के पिता ने डॉक्टर व सीएमएस से मदद मांगी परन्तु उन्हें वहां से कोई मदद नहीं मिली। एंबुलेंस चालक ने उनसे आठ सौ रुपये मांगे और शव वाहन ने कह दिया कि उनके वाहन में तेल नहीं है। इसी बीच भांजी पूनम के बीमार होने की खबर सुनकर उसके मामा बृजमोहन किसी की साईकिल मांगकर अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होनें पूनम के शव को कंधे पर उठाया, एक हाथ से साईकिल की हैंडिल पकड़ी और दस किमी साईकिल चलाकर गांव पहुंचे।
अस्पताल से जरूरतमंद को एंबुलेंस ना मिलने की खबर तो कई बार सुनी लेकिन यह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली खबर है। डीएम ने इसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश के साथ ही सीएमओ डॉ. एसके उपाध्याय, घटना के समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व एंबुलेंस पर केस दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
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आखिर भारत में इसे क्यों कहा जाता है ‘उड़ता ताबूत’?
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