लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी के आरोप में 623 खाद विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। साथ ही खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई करते हुए 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं और 17 दुकानें सील की गई हैं। योगी सरकार राज्य में लगातार खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है।
उत्तर प्रदेश में खाद की बढ़ती किल्लत के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य में खाद की दुकानों के औचक निरीक्षण में अब तक 623 विक्रेताओं के लाइसेंस निलम्बित करने के साथ-साथ उनमें से 35 के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में अब तक खाद की कुल 9,747 दुकानों का औचक निरीक्षण करते हुये 3287 नमूने लिए गए। उन्होंने बताया कि विभिन्न गड़बड़ियों के मद्देनजर अब तक 623 विक्रेताओं का लाइसेंस निलम्बित किया गया है, जबकि 517 विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब-तलब किया गया है।
उन्होंने बताया कि कालाबाजारी कर रहे 22 विक्रेताओं का लाइसेंस भी निरस्त किया गया जबकि 35 दुकानों की बिक्री प्रतिबंधित करके संबंधित के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला भी दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया कि साथ ही 17 दुकानों को सील भी किया गया है, जबकि 666 विक्रेताओं को चेतावनी दी गई है। कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि कि प्रदेश में कहीं भी खाद की कमी नहीं है, बल्कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 20 प्रतिशत अधिक खाद उपलब्ध है। साथ ही पिछले साल के मुकाबले 30 फीसद से ज्यादा वितरण भी किया गया है। उन्होंने बताया कि खाद की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही का सिलसिला जारी रहेगा।
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