नोएडा: उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा और ग्रेटर नोएडा इलाके में सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने और शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में शनिवार रात को 474 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि तीन घंटे तक चले शराब रोधी अभियान के दौरान ये गिरफ्तारियां की गई। उन्होंने बताया कि इनमें से 241 लोगों को शहरी इलाकों से जबकि 233 को ग्रामीण इलाकों से पकड़ा गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘‘जिले में रात साढ़े सात बजे शुरू हुए तीन घंटे के इस अभियान के तहत ये गिरफ्तारियां की गई।’’
क्या कहता है कानून?
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 185 के अनुसार, नशे में ड्राइविंग के कानून में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति मोटर वाहन चलाने के दौरान, रक्त में शराब स्तर (बीएएल) जो कि एक ब्रीथहेइज़र की मदद से पता चला है, 30 मिलीग्राम खपत प्रति 100 मिलीलीटर रक्त से अधिक मात्रा में पाया जाता है, तो वह विशेष अपराधी, पहले अपराध के लिए छह महीने तक की अवधि के लिए कारावास, या दो हजार रुपए तक जुर्माना या दोनों के साथ दंडनीय होगा; और दूसरे या उसके बाद के अपराध के लिए, जो पिछले समान रूप के अपराध करने के तीन साल के भीतर किया है, तो एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है, या तीन हजार रुपये तक जुर्माना, या दोनों के साथ दंडनीय होगा।
वहीं, दूसरी ओर, सार्वजनिक रूप से शराब पीना भारत में काफी असामान्य है। आम तौर पर सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने के लिए वर्तमान 200 रुपये की बजाय 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और अगर अपराधी पीने के बाद उपद्रव करता है तो उसे तीन माह की अवधि की जेल के साथ 10,000 रुपये तक जुर्माना लगेगा। हालांकि, ये कानून राज्यों के हिसाब से बदलते रहते हैं। राज्य अपने लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक इससे संबंधित कानून बना सकते हैं।
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