लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाढ़ जनित हादसों में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 14 जिलों के 569 गांवों की लगभग एक लाख 60 हजार की आबादी इससे प्रभावित है। प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बुधवार (2 सितंबर) को बताया कि राज्य में इस साल बाढ़ जनित हादसों में 35 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा 14 मौतें बहराइच जिले में हुई हैं। इसके अलावा लखीमपुर खीरी में छह, बलरामपुर में चार, बाराबंकी तथा संत कबीर नगर में तीन-तीन और अंबेडकर नगर, आजमगढ़, बलिया, शाहजहांपुर तथा सीतापुर में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।
गोयल ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ की वजह से अब तक 8,70,000 लोग प्रभावित हो चुके हैं लेकिन मौजूदा वक्त में यह संख्या घटकर 1,60,000 हो गई है। उन्होंने बताया कि इस वक्त प्रदेश के 14 जिलों अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, मऊ, संत कबीर नगर, तथा सीतापुर के 569 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें से 257 गांव पूरी तरह जलमग्न हैं।
राहत आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ पीड़ितों के ठहरने के लिए 384 बार शरणालयों की स्थापना की गई है। इसके अलावा 784 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की कुल 26 टीमें तैनात की गई हैं। गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित सभी गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों के लिए दवा और वैक्सीन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
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