फतेहपुर/बांदा: उत्तर प्रदेश के 2 अलग-अलग जिलों में 3 मजदूरों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फतेहपुर जिले में खागा कस्बा के विजयनगर मुहल्ले में एक प्रवासी मजदूर ने कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खागा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि एक महीना पूर्व दिल्ली से लौटे प्रवासी मजदूर राणा प्रताप (33) का शव सुबह घर के सामने लगे कटहल के पेड़ में फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला।
‘पारिवारिक विवाद के चलते लगाई फांसी’
मृत युवक के परिजनों के हवाले से उन्होंने बताया कि परिवारिक विवाद की वजह से उसकी पत्नी 2 साल की बच्ची के साथ काफी समय से अपने मायके में रह रही है। गुरुवार की रात फोन पर पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ और परिजनों के सो जाने के बाद उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। एसएचओ ने बताया कि पोस्टमॉर्टम कराने के बाद मृत युवक का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
‘काम न मिलने से परेशान था मजदूर’
बांदा के अतर्रा थाना प्रभारी निरीक्षक रवींद्र तिवारी ने बताया कि क्षेत्र के महोतरा गांव में गुरुवार को राजमिस्त्री का काम करने वाले बृज राघव यादव (36) ने अपने घर के खपरैल में लगी लकड़ी से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया है। मृत मजदूर बृज राघव के पिता भाईलाल के हवाले से पुलिस ने बताया कि इधर 2 माह से कोई काम न मिलने से वह काफी परेशान था और घर खर्च को लेकर अक्सर पत्नी से झगड़ा होता था, जिस कारण उसने आत्महत्या कर ली।
बांदा में एक और मजदूर ने की खुदकुशी
वहीं, बांदा के ही बिसंडा थाना की ओरन पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक सुल्तान सिंह ने बताया कि तेंदुरा की दलित आबादी (डेरा) में महेश्वरी रैदास के बेटे रज्जू (21) ने छत में पंखे की हुक से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह 25 दिन पूर्व गुजरात के वापी शहर से गांव लौटा था। सिंह ने बताया कि परिजन आत्महत्या करने का वाजिब कारण नहीं बता पाए। पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
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