लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए रिहा किए गए सजायाफ्ता कैदियों की परोल आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने जेल विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए आदेश जारी किया गया है कि सभी अपराधी जेल लौट आएं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर इस साल मई में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2,256 दोषियों को रिहा किया था। कोविड-19 महामारी को देखते हुए जेलों में कैदियों की भीड़ को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया था। ये अपराधी 7 साल से कम की सजा काट रहे थे।
4 कैदियों की हो चुकी है मौत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य कारागार विभाग ने कहा है कि 2,256 कैदियों में से 4 की मौत हो गई है। इसके अलावा 136 कैदियों को रिहा कर दिया गया है क्योंकि उनके जेल की अवधि पूरी हो गई थी। वहीं, 56 अन्य को अन्य मामलों में जेल भेज दिया गया, जिससे केवल 2,063 दोषी बाहर रह जाते हैं। जेल के महानिदेशक, आनंद कुमार ने कहा, ‘हम 693 दोषियों को जेलों में वापस ले आएं जबकि अन्य को अभी भी वापस आना है। उनके लिए एक अधिसूचना संबंधित जिला जेलों और एसपी को भेजी गई है।’
3 बार बढ़ाया गया था परोल
इस बीच, 15 कैदियों में से 8, जो राज्य सरकार के आदेशों पर पीलीभीत जिला जेल से 29 अप्रैल को परोल पर रिहा हुए थे, लापता हो गए हैं और जेल नहीं लौटे। जेल अधीक्षक द्वारा भेजे गए एक पत्र के बाद पुलिस अधीक्षक (SP) ने अब इन गायब हुए कैदियों का पता लगाने और उन्हें जेल अधिकारियों के समक्ष सरेंडर करने के लिए सभी SHO को आदेश जारी किया है। बता दें कि कोरोना के चलते कैदियों की रिहाई के बाद से परोल अवधि (8 सप्ताह) को 3 बार बढ़ाया गया था।
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