यूपी: हत्यारोपी कॉन्स्टेबल के समर्थन में पुलिसकर्मियों ने किया ‘काली पट्टी बांधकर काम, तीन सस्पेंड
यूपी पुलिस को आज बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। लखनऊ में विवेक तिवारी की हत्या के केस में आरोपी कॉन्स्टेबल के सपोर्ट में कई पुलिस वाले सामने आए।
लखनऊ: यूपी पुलिस को आज बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। लखनऊ में विवेक तिवारी की हत्या के केस में आरोपी कॉन्स्टेबल के सपोर्ट में कई पुलिस वाले सामने आए। कई थानों में आरोपी कॉन्स्टेबिल की बर्खास्तगी और उसे जेल भेजे जाने के विरोध में पुलिस वाले बाजू पर काली पट्टी बांध कर पहुंचे। बात इतनी बढ़ी कि चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ को दखल देना पड़ा। उन्होंने प्रिसिपल सेक्रेट्री...होम सेक्रेट्री और DGP को बुलाकर सफाई मांगी। कत्ल के आरोपी कॉस्टेबल का सपोर्ट करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ सख्त एक्शन का निर्देश दिया। इसका असर ये हुआ तीन पुलिस वाले सस्पेंड कर दिए गए। तीन थानों के इंचार्जों का ट्रांसफर किया गया। कुछ और पुलिस वालों को खिलाफ डिपार्टमेंटल एन्क्वायरी बैठ सकती है, उनके खिलाफ एक्शन हो सकता है।
असल में कुछ पुलिस वाले विवेक तिवारी हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए दो पुलिस वालों के सोपोर्ट में सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे थे। अपने ही डिपार्टमेंट के खिलाफ दूसरे पुलिस वालों को भड़का रहे थे। विरोध जताने के लिए कुछ पुलिस वाले हाथ पर काली पट्टी बांध कर ड्यूटी पर आ रहे थे। कुछ लोगों ने अपने फेसबुक और वाट्स एप की डिस्प्ले पिक्चर ही काली कर ली थी। पुलिस वालों की और उनके फेसबुक पोस्ट्स की तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया पर फैली, कल तक सीनियर पुलिस ऑफिसर्स इन तस्वीरों को फर्जी बता रहे थे। मॉर्फ्ड बता रहे थे।
पुलिस उप महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने शुक्रवार की शाम एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राजधानी के कई पुलिस थानों में काली पट्टी बांधकर पुलिसकर्मियों के काम करने की खबरें आयी थीं लेकिन जांच में अभी तक तीन पुलिसकर्मियों की पहचान सोशल मीडिया में फोटो के आधार पर हुई है। इनमें थाना नाका, थाना गुडंबा और थाना अलीगंज के सिपाही शामिल थे । इन तीनों सिपाहियों को तत्काल निलंबित कर इस मामले की जांच के आदेश दिये गये हैं। जिन पुलिस थानों में ये पुलिसकर्मी तैनात थे, वहां के थानाध्यक्षों को तुरंत पद से हटाये जाने के आदेश दिये गये हैं ।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से जिन-जिन पुलिस कर्मियों की पहचान होती जायेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ स्थानों से पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर काली पट्टी बांधकर काम किये जाने की खबरें मिली हैं। उन पुलिसकर्मियों द्वारा काली पट्टी बांधे जाने की सचाई, समय और उद्देश्य के बारे में विस्तृत छानबीन के आदेश दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों के दौरान ऐसा देखा गया है कि पुलिस बल का माहौल खराब करने के लिये कुछ तस्वीरें गढ़कर उन्हें सोशल मीडिया पर पेश किया गया है। इस मामले में पूर्व में पुलिस सेवा से बर्खास्त किये गये सिपाही बृजेन्द्र यादव और अविनाश पाठक को क्रमशः वाराणसी और मिर्जापुर से गिरफ्तार किया गया है। सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है और जांच में दोषी पाये जाने वाले तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले कल एटा जिले में तैनात कांस्टेबल सर्वेश चैधरी ने फेसबुक पर आपत्तिजनक वीडियो अपलोड किया था। इस पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए उसे गुरुवार को निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही की जा रही है।
लखनऊ में पिछले दिनों हुए विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपी पुलिसकर्मियों के समर्थन में कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा काली पट्टी बांधकर काम करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने बताया कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं। हमने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम ने पहले से ही इस मामले को सर्विलांस पर ले रखा है, उसमें पाया गया है कि कुछ बर्खास्त पुलिसकर्मी इस तरह की बातें कर रहे हैं। हमने इस मामले में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। जहां पर आपराधिक दायित्व होगा, विवेचना के दौरान उन सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा। दोषी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।