मथुरा: उत्तर प्रदेश परिवहन की बस से दिल्ली से शिकोहाबाद जा रही एक युवती को सोमवार की शाम बस चालक ने सवारियों की आपत्ति पर कोरोना वायरस संक्रमित होने के शक में बीच रास्ते में ही मां सहित जबरिया उतार दिया। युवती पथरी से पीड़ित थी और उसे तेज दर्द हो रहा था। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। थानाध्यक्ष मांट भीम सिंह जावला ने बताया बस से उतार दिए जाने के बाद उसका दर्द और बढ़ गया तथा समय पर उपचार न मिल पाने के चलते उसकी वहीं मृत्यु हो गई। यह घटना मांट थाना क्षेत्रांतर्गत घटी। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसका पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार फिरोजाबाद के सुशील यादव का परिवार दिल्ली में रहता है। सुशील यादव निजी कंपनी में सुरक्षा गार्ड है, जबकि उसका बेटा विपिन वहां टैक्सी चालक है। सोमवार को सुशील की पत्नी सर्वेश कुमारी और पुत्री हंसिका (19) रोडवेज बस (यूपी 78 डीएन 5864) से शिकोहाबाद आ रहे थे। विपिन और उसकी पत्नी दीप्ति बाइक से आ रहे थे। पथरी की बीमारी से पीड़ित हंसिका की मांट टोल से पहले अचानक तबीयत बिगड़ गई।
युवती की हालत देख बस में बैठे लोगों ने उस पर कोरोना संक्रमित होने का आरोप लगाते हुए उन दोनों को बस से उतार देने की जिद करना शुरू कर दिया। इस पर बस चालक-परिचालक ने उन्हें उसी हालत में उतार दिया। इसके बाद कुछ देर तड़पते रहने के बाद युवती की मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मांट थानाध्यक्ष निरीक्षक भीम सिंह जावला ने बताया कि युवती का पथरी का इलाज चल रहा था। दो दिन पहले वह बुलंदशहर से पथरी की दवा भी लेकर आई थी। संभव है कि उसी का दर्द न सह पाने के कारण उसकी मृत्यु हो गई है। पुलिस ने मांट टोल पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से उस बस के नंबर की पहचान कर ली है।
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