लखनऊ: अयोध्या में 5 अगस्त को भूमिपूजन कार्यक्रम की तैयारी जोर-शोर से चल रही है जिसके लिए अब अयोध्या को पीले रंग में रंग दिया गया है। भूमिपूजन का कार्यक्रम उसी गर्भगृह पर रखा गया है, जहां 1949 से रामलला विराजमान थे। फिलहाल उस जगह को पूरी तरीके से समतल कर दिया गया है। वहीं आधारशिला कार्यक्रम के लिए रामजननभूमि में एक बड़ा वाटर प्रूफ पंडाल लगाया जा रहा है जिसमें पूर्व की दिशा में मंच लगाया जाएगा। मंच राम मंदिर के गर्भगृह के पास ही होगा।
बताया जा रहा है कि इस मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सिर्फ 5 लोग होंगे। सूत्रों के मुताबिक मंच पर पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास और महासचिव चंपत राय होंगे।
कार्यक्रम के लिए करीब पौने दो सौ लोगों की लिस्ट बनी है जिन्हें न्योता दिया जाएगा। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, मन्दिर ट्रस्ट के सदस्य और अयोध्या और पूरे देश के साधु संत शामिल हैं।
भूमि पूजन और मन्दिर की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री मंच पर जाएंगे जहां सबसे पहले चंपत राय उनका स्वागत करेंगे। उसके बाद मोहन भागवत फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भाषण होगा और फिर प्रधानमंत्री बोलेंगे।
वहीं रामलला अभी जिस मन्दिर में विराजमान हैं, उसे फूलों से सजाया जाएगा। कोरोना की वजह से सभी रामभक्त अयोध्या तो नही पहुंच पा रहे हैं लेकिन अपने स्थान की मिट्टी और जल भेज रहे हैं। एक श्रद्धालु ने मानसरोवर का जल कोरियर से भेजा है।
इसके अलावा हल्दी घाटी, झांसी के किले की मिट्टी, कानपुर के Massacre घाट की मिट्टी, चितौड़दुर्ग की मिट्टी, शिवाजी के किले की मिट्टी, बिठूर में ब्रह्म जी की खूटी की मिट्टी, प्रयाग में चन्द्रशेखर आजाद का जहां बलिदान हुआ था वहां की मिट्टी, स्वर्ण मन्दिर की मिट्टी, नाना राव पेशवा के किले की मिट्टी और जल अयोध्या पहुंच चुके हैं।
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