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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 12 साल की निहारिका ने पेश की अनोखी मिसाल, 3 मजदूरों को हवाई जहाज से भेजा घर

12 साल की निहारिका ने पेश की अनोखी मिसाल, 3 मजदूरों को हवाई जहाज से भेजा घर

नोएडा सेक्टर 50 में रहने वाली 12 साल की निहारिका द्विवेदी ने मानव सेवा की अनोखी मिसाल पेश की है। 

12 year old Noida Girl Books Flight for 3 Migrant Workers With Her Savings - India TV Hindi Image Source : ANI 12 year old Noida Girl Books Flight for 3 Migrant Workers With Her Savings 

नोएडा। नोएडा सेक्टर 50 में रहने वाली 12 साल की निहारिका द्विवेदी ने मानव सेवा की अनोखी मिसाल पेश की है। दरअसल, लॉकडाउन की वजह से दिल्ली के शेल्टर होम में रह रहे झारखंड के 3 कामगारों को निहारिका ने अपने बचाए हुए पैसों से हवाई जहाज का टिकट कराकर घर भेजा है। इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेने ने भी ट्विट कर छोटी सी उम्र में मानव सेवा के इस भाव को लेकर आभार व्यक्त किया है। कहा- 'आपके उज्जवल भविष्य के लिए मेरी हार्दिक शुभकामानाएं।'

बता दें कि, निहारिका कक्षा 8 में पढ़ती हैं और पिछले कई वर्षों से जेब खर्च के लिए मिलने वाले पैसों को पिगी बैंक (गुल्लक) में बचाकर रख रही हैं। श्रमिक मजदूरों को लेकर मन में आयी संवेदनशीलता के चलते निहारिका ने पिगी बैंक से 48,000 रुपए निकालकर 3 प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज का टिकट कराकर घर भिजवाया है। निहारिका ने अपने एक रिश्तेदार से श्रमिकों की परेशानी सुनकर ये कदम उठाया है, जिसको लेकर अब निहारिका की काफी सराहना की जा रही है। 

निहारिका के पिता गौरव द्विवेदी और मां सुरभि द्विवेदी ने बताया कि कोरोना के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन की खबरों में प्रवासी मजदूरों के सड़क पर पैदल चलने और हादसों की खबरें सुनकर निहारिका काफी दुखी होती थी। एक दिन उनके रिश्तेदार ने जानकारी दी कि यूसुफ सराय के सरकारी स्कूल में बने शेल्टर होम में कामगारों का परिवार ठहरा है, जिसमें कैंसर पीड़ित प्यारी कोल, उनकी पत्नी और बेटी है। वे अपने घर जाना चाह रहे हैं। इस बार में पता चलते ही निहारिका ने हवाई जहाज का टिकट देखा और पूछा क्या वे जरूरतमंद परिवार को फ्लाइट से घर भेज सकते हैं। गौरव ने बताया कि बेटी की यह बात सुनकर बहुत खुशी हुई। 

निहारिका ने प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर कहा कि कामगारों ने समाज निर्माण में अपना अहम योगदान दिया है और हमें इस संकट की घड़ी में उनकी मदद करनी चाहिए। इसलिए मैंने अपने बचाए हुए पैसों से 3 प्रवासी मजदूरों की मदद कर उन्हें उनके घर तक पहुंचा दिया है जिससे अब मुझे काफी खुशी हो रही है। 

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