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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश कानपुर लैब टेक्नीशियन किडनैपिंग मर्डर केस में बड़ी कार्रवाई, 11 पुलिसकर्मी किए गए निलंबित

कानपुर लैब टेक्नीशियन किडनैपिंग मर्डर केस में बड़ी कार्रवाई, 11 पुलिसकर्मी किए गए निलंबित

कानपुर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए अपहृत लैब टेक्नीशियन की उसके अपहर्ताओं ने हत्या कर दी है और यह बात जांच में साफ हो गयी है।

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लखनऊ/कानपुर। कानपुर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए अपहृत लैब टेक्नीशियन की उसके अपहर्ताओं ने हत्या कर दी है और यह बात जांच में साफ हो गयी है। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने के लिए शुक्रवार को एक अपर पुलिस अधीक्षक सहित 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, 'शासन द्वारा सम्यक विचार के बाद जनहित में, अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता एवं तत्कालीन क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है।' उन्होंने कहा, 'बर्रा के पूर्व प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय और थाना प्रभारी राजेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है।' 

ये पुलिसकर्मी किए गए निलंबित

प्रवक्ता ने बताया कि अपहरण की घटना में फिरौती ली गई या नहीं इसकी जांच के लिए अपर पुलिस महानिदेशक, लखनऊ पुलिस मुख्यालय, वी पी जोगदंड को निर्देश दिए गए हैं। बाद में पुलिस महानिदेशक मुख्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कानपुर नगर द्वारा विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय, चौकी प्रभारी राजेश कुमार, उपनिरीक्षक योगेन्द्र प्रताप सिंह, आरक्षी अवधेश, आरक्षी दिशु भारती, आरक्षी विनोद कुमार, आरक्षी सौरभ पाण्डेय, आरक्षी मनीष व आरक्षी शिव प्रताप को निलम्बित कर दिया गया है। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि पुलिस जांच में साफ हो गया है कि महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए अपहृत लैब टेक्नीशियन की उसके अपहर्ताओं ने हत्या कर दी है। उन्होंने बताया कि अपहर्ताओं ने हत्या कर शव को पांडु नदी में फेंक दिया था, अभी तक शव बरामद नहीं हुआ है। एक महिला और टेक्नीशियन के दो मित्रों सहित अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में पांचों लोगों ने पुलिस को गुमराह करने की चेष्टा की लेकिन बाद में विस्तृत पूछताछ के दौरान उन्होंने अपराध कबूला। गोविन्द नगर पुलिस क्षेत्राधिकारी विकास पाण्डेय ने बताया कि कुलदीप लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के साथ किसी अन्य पैथालाजी में काम करता था। कुलदीप ने यादव को रतनलाल नगर स्थित अपने किराये के मकान पर शराब पार्टी के लिए बुलाया। वहां यादव को नशीला इंजेक्शन दिया गया और पांच दिन तक बंधक रखा गया। 

पांडु नदी में फेंका गया शव

पाण्डेय ने बताया कि जब-जब यादव को होश आता, अपहर्ता उसे नशीला इंजेक्शन लगा देते थे। उन्होंने बताया कि कुलदीप ने अन्य लोगों की मदद से 26 या 27 जून को यादव की हत्या कर दी और शव को एक कार से ले जाकर पांडु नदी में फेंक दिया। एसएसपी ने बताया कि अपराध शाखा और सर्विलांस सहित कई पुलिस टीमें शव को खोजने में लगायी गयी हैं। एसएसपी ने बताया कि टेक्नीशियन की मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन का भी पता लगाने की कोशिश हो रही है जो उसके अपहरण के बाद से ही गायब हैं। एसएसपी ने बताया कि 22 जून को बर्रा निवासी यादव का अपहरण किया गया था। उसके परिवार वालों ने 23 जून को बर्रा थाने में यादव के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। तीन दिन बाद अपहरण की धाराएं जोड़ी गयीं। 

फिरौती की रकम का नहीं चल रहा कुछ पता

मृतक के परिवार वालों का दावा है कि 29 जून को उन्हें अपहर्ताओं का फोन आया, और उन्होंने यादव की सुरक्षित रिहाई के लिए 30 लाख रुपये फिरौती मांगी। परिवार वाले मीडिया के सामने आये और बताया कि उन्होंने 30 लाख रुपये से भरा बैग पुलिस की मौजूदगी में एक फ्लाईओवर से रेल पटरी पर फेंका था। उन्होंने कहा कि उन्होंने वही किया जो अपहर्ताओं ने कहा था लेकिन अपहर्ताओं ने यादव को नहीं छोड़ा। लैब टेक्नीशियन के घर वालों द्वारा 30 लाख रुपये की फिरौती अपहर्ताओं को देने की मीडिया खबरें आने के बाद एसएसपी प्रभु ने कहा था कि वह मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान ले रहे हैं, जिनमें 30 लाख रुपये की फिरौती देने की बात सामने आयी है। उन्होंने कहा कि वह पीड़ित परिवार से बात भी कर रहे हैं और कोई गलत पाया गया तो उसे दंडित किया जाएगा। उस समय एसएसपी ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि यादव की सुरक्षित वापसी करायी जाएगी। 

कांग्रेस, सपा और बसपा ने योगी सरकार पर साधा निशाना

इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है, आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है। उन्होंने कहा, 'घर हो, सड़क हो, ऑफिस हो... कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता।' उन्होंने कहा, 'पत्रकार विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या। पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और उनकी हत्या कर दी गई। एक नया गुंडाराज आया है। इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है।' 

घटना पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कानपुर से अपहृत इकलौते बेटे की मौत की ख़बर दुखद है। उन्होंने ट्वीट किया, 'चेतावनी देने के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही। अब सरकार 50 लाख का मुआवज़ा दे। सपा मृतक के परिवार को 5 लाख की मदद देगी।' अखिलेश ने कटाक्ष किया, 'अब कहां है दिव्य-शक्ति सम्पन्न लोगों का भयोत्पादक प्रभा-मण्डल व उनकी ज्ञान-मण्डली।' 

बसपा सुप्रीमो मायावती ने संजीत यादव की हत्या को निन्दनीय करार देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को अपराध नियंत्रण के मामले में तुरंत हरकत में आना चाहिए । मायावती ने ट्वीट किया, 'यूपी में जारी जंगलराज के दौरान एक और घटना में कानपुर में अपहरणकर्ताओ ने संजीत यादव की हत्या करके शव को नदी में फेंक दिया जो अति-दुखद व निन्दनीय है।'

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