राम मोहन नायडू किंजरापु चंद्रबाबू नायडू के बेहद करीबी माने जाते हैं। राम मोहन नायडू मोदी की नई कैबिनेट में अब तक के सबसे कम उम्र के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनेंगे। राम मोहन नायडू किंजरापु, का जन्म 18 दिसंबर 1987 को श्रीकाकुलम के निम्माडा में हुआ। टीडीपी नेता और केंद्रीय मंत्री येरन नायडू उनके पिता हैं और राम मोहन नायडू को राजनीति विरासत विरासत में मिली है। उनकी स्कूली शिक्षा प्रतिष्ठित दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम में हुई है और उन्होंने प्रसिद्ध पर्ड्यू विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने डिस्टेंस एजुकेशन से एमबीए किया है।
शुरुआत में सिंगापुर में करियर बनाने के लिए गए लेकिन साल 2012 में एक कार दुर्घटना में उनके पिता की मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और अपने पिता की विरासत को संभाला। 26 साल की उम्र में, उन्होंने 2014 में श्रीकाकुलम से लोकसभा सांसद के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
बने दूसरे सबसे युवा सांसद
राम मोहन नायडू का टीडीपी चीफ नारा चंद्र बाबू नायडू से गहरा जुड़ाव है। राम मोहन नायडू को अपने पिता, येरन की तरह, एनसीबीएन के सबसे वफादारों में से एक माना जाता है। एनसीबीएन की गिरफ्तारी जैसे महत्वपूर्ण समय में राम मोहन नायडू ने दिल्ली में नारा लोकेश के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने नारा लोकेश के साथ मिलकर एक एकीकृत मोर्चा सुनिश्चित किया जिसके कारण एनसीबीएन ने राम मोहन नायडू को उनकी सभी यात्राओं में उनके साथ रहने की जिम्मेदारी सौंपी है। राम मोहन नायडू कृषि, पशु संबंधी स्थायी समिति में सदस्य के पद पर हैं। इसके अलावा, वह स्थायी समितियों के सदस्य के रूप में भी कार्य करते रहे हैं।
निभाते हैं राजनीतिक और पारिवारिक जिम्मेदारियां साथ-साथ
राम मोहन नायडू का विवाह 2017 से श्री श्रव्या से हुआ है, और उन्हें 2021 में एक बच्ची के जन्म का आशीर्वाद मिला है। न केवल वह एक समर्पित पारिवारिक व्यक्ति हैं, बल्कि राजनीति के साथ ही परिवार की भी सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हैं।
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