जयपुर: महिला आरक्षण बिल संसद पास होने के बाद अब इसपर राजनीति होना शुरू हो गई है। हालांकि संसद में इस विधेयक को दो सांसदों ने छोड़कर सभी ने समर्थन दिया था। अब इसमें कुछ बदलाव करने की मांग की जा रही है। इसी क्रम में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि अगर 2024 में उनकी सरकार आती है तो महिला आरक्षण विधेयक में संशोधन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधेयक को लागू करने में फिलहाल कोई बड़ी कानूनी पेचीदगी नहीं है लेकिन मोदी सरकार अगले 10 साल की बात कर रही है।
खरगे ने कहा कि संसद में विधेयक का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने मांग की थी कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए और इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए कोटा शामिल किया जाए। खरगे ने कहा, ‘‘हमारा वादा यही है 2024 में हमारी केंद्र में सरकार आएगी तो हम पहला काम करेंगे कि विधेयक में संशोधन करेंगे ।'' बता दें कि महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान करने वाला संविधान (128वां संशोधन) विधेयक इस सप्ताह की शुरुआत में संसद द्वारा पारित किया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने बीजेपी पर बोला हमला
इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने महिला आरक्षण विधेयक लाने के पीछे नरेन्द्र मोदी सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया और कहा कि भाजपा महिलाओं को आरक्षण नहीं देना चाहती। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव से ठीक पहले महिला आरक्षण विधेयक के बारे में इसलिए सोचा क्योंकि कई विपक्षी दलों ने मिलकर 'इंडिया' गठबंधन का गठन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘जब राहुल गांधी, सोनिया गांधी और हमने मिलकर के विपक्षी पार्टियों का गठबंधन इंडिया का गठन किया तो भाजपा के दिमाग में महिला विधेयक आया।’’ खरगे ने कहा कि सरोजिनी नायडू कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं और उन्होंने पूछा, " आरएसएस हो, या भाजपा हो , क्या कोई महिला उनकी अध्यक्ष बनी हैं? आरएसएस की महिला कोई ऊंचे पद पर गई क्या?’’
'विशेष सत्र पांच दिन के लिए बुलाया गया था और चार दिन में खत्म हो गया'
खरगे ने कहा कि संसद का विशेष सत्र पांच दिन के लिए बुलाया गया था और चार दिन में खत्म हो गया क्योंकि मोदी को नया भवन दिखाना था। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि लोकसभा, राज्यसभा चर्चा करने की जगह है, प्रदशर्नी की नहीं है। उन्होंने कहा, ''जब हम महिला आरक्षण विधेयक लाए तो भाजपा ने विरोध किया था। इन लोगों के पास न तो साफ नियत है और न ही स्पष्ट नीति, वे सिर्फ भाषण देते हैं। हमने विधेयक का समर्थन किया, लेकिन इसे 2030 में लागू किया जाएगा। वे अगले दस वर्षों के बारे में बात कर रहे हैं।’’
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