A
Hindi News भारत राजनीति नौकरियों में आरक्षण के कानून का मजबूती से बचाव करेंगे: हरियाणा के सीएम खट्टर

नौकरियों में आरक्षण के कानून का मजबूती से बचाव करेंगे: हरियाणा के सीएम खट्टर

करनाल में खट्टर ने पत्रकारों से कहा, हाई कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है, लेकिन हम यह मुकदमा लड़ने में पूरा दमखम लगा देंगे।

Haryana reservation in jobs, Haryana CM Khattar, Manohar Lal Khattar- India TV Hindi Image Source : PTI FILE हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर।

Highlights

  • हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार इस लड़ाई में पूरा जोर लगा देगी।
  • हरियाणा का कानून राज्य के नौकरी पाने के इच्छुक लोगों को निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण देता है।
  • यह कानून 15 जनवरी से प्रभावी हुआ है और 30,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वालों पर लागू होता है।

चंडीगढ़: निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण देने के हरियाणा के कानून पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा गुरुवार को स्थगन आदेश पारित किए जाने के कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार इस लड़ाई में पूरा जोर लगा देगी। हरियाणा के अवर महाधिवक्ता जगबीर सिंह मलिक ने आज दिन में कहा कि राज्य सरकार अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करेगी। हरियाणा राज्य स्थानीय अभ्यर्थी रोजगार कानून, 2020 राज्य के नौकरी पाने के इच्छुक लोगों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण देता है।

यह कानून 15 जनवरी से प्रभावी हुआ है। यह कानून 30,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वालों पर लागू होता है। जस्टिस अजय तिवारी और जस्टिस पंकज जैन की पीठ ने फरीदाबाद की इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और हरियाणा की एक अन्य एसोसिएशन की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। इन याचिकाओं में कानून की वैधता को चुनौती दी गयी थी। करनाल में खट्टर ने पत्रकारों से कहा, ‘हाई कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है, लेकिन हम यह मुकदमा लड़ने में पूरा दमखम लगा देंगे।’

एक सवाल के जवाब में खट्टर ने कहा, ‘हम हरियाणवी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने का प्रयास कर रहे हैं।’ खट्टर ने याद किया कि कुछ साल पहले हरियाणा के एक कानून के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई थीं। इस कानून में पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय की गई थी, लेकिन बाद में हाई कोर्ट ने इसकी संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। खट्टर ने कहा, ‘उस वक्त भी हम सुप्रीम कोर्ट गए और उस कानून को बरकरार रखा गया और उसे लागू किया गया।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुकदमे को भी हम पूरे दमखम के साथ लड़ेंगे। कोर्ट द्वारा अंतरिम स्थगन आदेश जारी किए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) नेता दुष्यंत चौटाला ने ट्वीट किया है, ‘हम हरियाणवी युवाओं के रोजगार अवसरों के लिए लड़ना जारी रखेंगे। 75 फीसदी आरक्षण।’ जजपा नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा कि स्थगन आदेश को किसी भी प्रकार का अवरोध नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इसके खिलाफ अपील करेगी।

इसबीच, कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी-जेजेपी नीत सरकार पर निशाना साधा। पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अदालत में कानून का ठीक से बचाव नहीं कर पाने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की। हुड्डा ने कहा कि बेरोजगारी से निपटने के मामले में राज्य सरकार पूरी तरह असफल रही है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘पहले भाजपा, और अब भाजपा-जजपा गठबंधन नीत सरकार भी बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई प्रभावी नीति बनाने में असफल रही है। इससे ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने राज्य से काम करने वाली निजी कंपनियों की नौकरियों में स्थानीय निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का ‘जुमला’ दिया, लेकिन सरकार अदालत में इसका बचाव नहीं कर सकी।’

कांग्रेस की हरियाणा इकाई की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार की मंशा पर शुरूआत से ही संदेह था। शैलजा ने ट्वीट किया, ‘यही कारण है कि सरकार ने अदालत में मुकदमे की जोरदार पैरवी नहीं की।’ कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (हरियाणा) के अध्यक्ष राजीव गांधी ने कहा कि कानून लागू होने के बाद से सीआईआई सरकार से विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर रही है।

Latest India News