UP Politics: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अक्सर अपन बयानों और ट्वीट को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार उन्होंने कुछ ऐसा ट्वीट कर दिया है, जिसे लेकर सियासत के गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं होनी शुरू हो गई हैं। सिर्फ एक वाक्य के इस ट्वीट में कई अर्थ निहित बताए जा रहे हैं। राजनीति के जानकार केशव मौर्य के इस ट्वीट का कई तरह से अर्थ निकालने में जुटे हैं। उनके इस ट्वीट को लेकर चर्चा इस लिए भी है कि यह उनका संदेश अचानक आया है, लेकिन यह अकारण नहीं हो सकता। इसके कुछ न कुछ गहरे अर्थ हैं। आइए सबसे पहले आपको बताते हैं कि केशव प्रसाद मौर्य ने अपने ट्वीट में ऐसा क्या लिख दिया है, जिसकी चर्चा यूपी से लेकर दिल्ली तक हो रही है।
भाजपा से लेकर अन्य पार्टियों के नेता भी केशव के इस ट्वीट का मर्म समझने का प्रयास कर रहे हैं। केशव ने अपने ट्वीट में सिर्फ इतना लिखा है कि ...संगठन सरकार से बड़ा होता है... अब लोग समझना चाह रहे हैं कि ऐसा क्या हो गया, जिससे कि केशव मौर्य को यह ट्वीट करना पड़ा। आखिर उनके इस ट्वीट के मायने क्या हैं। केशव प्रसाद मौर्य आखिर कहना क्या चाह रहे हैं। डिप्टी सीएम के इस ट्वीट से उनकी पार्टी के नेता भी असमंजस में हैं। कुछ नेता कह रहे हैं कि कोई न कोई बात तो जरूर है, जो उन्होंने ऐसा ट्वीट किया है। वह ऐसा ट्वीट करके क्या संगठन की बातों को नजरअंदाज करने वाले और सरकार में शामिल किसी अपने ही नेता को आइना दिखाना चाह रहे हैं या फिर उन्हें संगठन की शक्ति का एहसास कराना चाह रहे हैं। दूसरा यह कि क्या केशव मौर्य को दोबारा संगठन में कोई जिम्मेदारी मिलने वाली है, जिसके चलते वह संगठन को सरकार से बड़ा होने की बात बता रहे हैं।
यूपी में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद खाली होने से कयास तेज
केशव प्रसाद मौर्य का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब यूपी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली चल रहा है। अभी तक पार्टी इस पद पर कोई नाम तय नहीं कर पाई है। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने के चलते इस पद को ज्यादा समय तक खाली रखना भी ठीक नहीं है। ऐसे में पार्टी इस पद के लिए सुयोग्य नेता के नाम की घोषणा कभी भी कर सकती है। हालांकि मोदी और योगी राजनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण और दिल्ली की सत्ता के लिए सबसे मजबूत किला कहे जाने वाले यूपी में प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान किसे देंगे, यह सिर्फ वही जान सकते हैं। मगर कुछ लोग अब तक इस बार किसी ब्राह्मण अध्यक्ष होने का कयास लगाते रहे हैं। हालांकि अभी तक पार्टी ने पत्ता नहीं खोला है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भाजपा ने केशव मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का संकेत तो नहीं दे दिया है, जिससे कि वह संगठन को सरकार से बड़ा होने की बात बता रहे हैं।
पहले भी रह चुके हैं प्रदेश अध्यक्ष
केशव प्रसाद मौर्या वर्ष 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष रहे थे। यूपी में ओबीसी मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। उनके नेतृत्व में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 403 में से 325 विधानसभा सीटें जीत कर सबको चौंका दिया था। यह यूपी में भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। इस चुनाव के बाद उनके सीएम बनाए जाने की चर्चा भी चली थी। मगर योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें डिप्टी सीएम बना दिया गया था। मगर योगी आदित्यनाथ और केशव मौर्य में हमेशा आंतरिक मनभेद रहा। जो कि कई बार मुखर होकर भी सामने आ चुका था। मगर संगठन में बेहतर काम का अनुभव होने के चलते उनका कद कम नहीं हुआ। ऐसे में माना जा रहा है कि केशव को दोबारा यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
वर्ष 2022 में चुनाव हारने के बाद भी बने डिप्टी सीएम
केशव मौर्य की आलाकमान में पहुंच और उनके कद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 2022 के विधान सभा चुनाव में वह सिराथू विधानसभा से चुनाव हारने के बाद भी डिप्टी सीएम बनाए गए। इससे पार्टी में उनका कद छोटा नहीं होने पाया। संगठन चलाने की अच्छी समझ होने के चलते अब उन्हें दोबार प्रदेश अध्यक्ष बनाने की चर्चाएं होने लगी हैं। उनका ट्वीट भी लगभग इसी ओर इशारा कर रहा है।
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