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Hindi News भारत राजनीति 'राहुल को यह हफ्ता वसूली कहां से मिली?' इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर अमित शाह का पलटवार

'राहुल को यह हफ्ता वसूली कहां से मिली?' इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर अमित शाह का पलटवार

इलेक्टोरल बॉन्ड पर राहुल गांधी केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के बयानों पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि राहुल को यह हफ्ता वसूली कहां से मिली?

Amit shah, home minister- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE अमित शाह, गृह मंत्री

नई दिल्ली : इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर राहुल गांधी इन दिनों लगातार केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं। राहुल गांधी ने इस केंद्र की बीजेपी सरकार का सबसे बड़ा जबरन वसूली करार दिया है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के हमले पर पलटवार किया। उन्होंने कहा अगर इलेक्टोरल बॉन्ड हफ्ता वसूली है तो फिर उनकी पार्टी को जो 1600 करोड़ रुपये मिले तो उन्हें भी बताना चाहिए कि यह 'हफ्ता वसूली; उन्हें कहां से मिली। हम तो कहते हैं कि यह पारदर्शी दान है, लेकिन अगर वह कहते हैं कि यह वसूली तो उन्हें इसका विवरण देना चाहिए।'अमित शाह ने सीएनएन न्यूज 18 चैनल द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में यह बात कही।

इंडिया गठबंधन अपना चेहरा दिखाने लायक नहीं रहेगा

यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय जनता पार्टी चुनावी चंदा देनेवालों की लिस्ट घोषित करेगी, गृह मंत्री ने कहा कि इंडिया गठबंधन अपना चेहरा दिखाने लायक नहीं रहेगा। अमित शाह ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जो 6 हजार करोड़ राहुल की घमंडिया गठबंधन को मिला उसका हिसाब दें। जब इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी सामने आएगी तो इंडिया अलायंस मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा। 

पिछले हफ्ते इलेक्टोरल बॉन्ड से प्राप्त राशि को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ था। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को 6,061 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले। तृणमूल कांग्रेस को 1,610 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 1,422 करोड़ रुपये मिले थे।

शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं-शाह

अमित शाह ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि इलोक्टोरल बांड ने राजनीति में काले धन को लगभग समाप्त कर दिया है। वहीं इंडिया गठबंधन पर अपना हमला जारी रखते हुए अमित शाह ने कहा कि विपक्षी गुट इलेक्टोरल बॉन्ड के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि वे चाहते हैं कि 'कट मनी की पुरानी प्रणाली एक बार फिर राजनीति पर हावी हो।'

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