भारत में लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुके हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने एक बार फिर से बहुमत हासिल कर के केंद्र में सरकार बना ली है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 292 तो वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले INDI अलायंस को 234 सीटें मिली हैं। इस चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव जीता है। हालांकि, राहुल गांधी को इनमें से कोई एक सीट छोड़नी पड़ेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो राहुल गांधी को अपनी संसद सदस्यता गंवानी पड़ सकती है। आइए जानते हैं कि इस बारे में क्या है पूरा नियम।
क्या कह रहे हैं राहुल गांधी?
वायनाड या रायबरेली में से किसी एक सीट को छोड़ने पर राहुल गांधी का भी बयान सामने आया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को केरल के वायनाड में एक सार्वजनिक बैठक में कहा- "बहुत से लोग अटकलें लगा रहे हैं कि वायनाड या रायबरेली। मेरे अलावा हर कोई जवाब जानता है। चिंता न करें, रायबरेली और वायनाड दोनों मेरे फैसले से खुश होंगे।"
क्या कहता है नियम?
संवैधानिक नियम के मुताबिक, अगर कोई विधायक लोकसभा का चुनाव लड़ता है और जीतता है या फिर कोई उम्मीदवार दो सीटों से चुनाव जीतता है तो उसे चुने जाने की तिथि से 14 दिन के भीतर एक सदन की सदस्यता छोड़नी होती है। आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 101(1) में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 68(1) में भी साफ तौर पर इस बात का उल्लेख किया गया है।
मैं दुविधा में हूं-राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मलप्पुरम में एक जनसभा में कहा- "मैं आपसे जल्द ही मिलने की उम्मीद करता हूं। मेरे सामने दुविधा है कि मैं वायनाड का सांसद बना रहूं या रायबरेली का। मैं उम्मीद करता हूं वायनाड और रायबरेली दोनों ही मेरे फैसले से खुश होंगे।’’ लगातार दूसरी बार वायनाड लोकसभा सीट से भारी अंतर से जीत हासिल करने के बाद यह उनकी राज्य में पहली यात्रा है।
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