बिहार सरकार ने सोमवार को जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। कुल 13 करोड़ की आबादी वाले राज्य में हर जाति, धर्म और वर्ग की जनसंख्या का डेटा भी जारी किया गया है। अब इस डेटा के जारी होने के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने अन्य राज्यों में भी जातिगत जनगणना की मांग शुरू कर दी है। लेकिन बिहार सरकार इस जातिगत जनगणना के डेटा का करेगी क्या? इस सवाल का जवाब बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने दे दिया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?
क्या बोले तेजस्वी?
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जाति आधारित जनगणना शुरू से ही हमारी मांग रही है। आज जाति आधारित सर्वेक्षण का वैज्ञानिक डेटा जारी किया गया है। सरकार बनने के बाद कम समय में हमने जानकारी इकट्ठा की और आज ऐतिहासिक दिन पर ऐतिहासिक काम हमने किया है। उन्होंने बताया कि हम वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर कल्याणकारी योजनाएं लाने का प्रयास करेंगे। बता दें कि जातिगत जनगणना का मकसद राज्य में रहने वाले दलित और पिछड़ा वर्ग के लोगों की सही संख्या पता करने व उन्हें आगे बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं बनाना बताया जा रहा है।
नीतीश ने भी दिया बयान
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जाति आधारित जनगणना का डेटा शेयर होने के बाद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सब कुछ करने के बाद नतीजा सामने आया है। उसके बाद हमने हर परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली है। कल सर्वदलीय बैठक में हम सारी बातें सबके सामने रखेंगे। बैठक में सबकी राय लेकर सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी।
राहुल गांधी ने की ये मांग
बिहार में हुई जातिगत जनगणना और इसके डेटा की चर्चा पूरे देश में है। अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस मामले में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं! इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है। जितनी आबादी, उतना हक-ये हमारा प्रण है।
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