भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने से रविवार को मना कर दिया। भाजपा ने बीते शनिवार को ही पवन सिंह को इस सीट से उम्मीदवार बनाया था। इसको लेकर आज पवन सिंह ने कहा कि "समय बताएगा" कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं। हालांकि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए, पवन सिंह ने इस सवाल को टाल दिया कि उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया।
नड्डा से मुलाकात के बाद क्या बोले पवन
बता दें कि पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्होंने घोषणा की कि वह अपनी उम्मीदवारी पर विरोध के बाद चुनाव नहीं लड़ेंगे। पवन ने नड्डा से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा, "मैंने पार्टी अध्यक्ष से बात की। भविष्य में जो भी होगा अच्छा होगा।" जब पवन सिंह से ये सवाल किया गया कि क्या वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? इसपर उन्होंने कहा, "यह तो समय ही बताएगा। अगर कुछ होगा तो मैं आपके साथ साझा करूंगा... इसे अभी रहने दीजिए।" हालांकि, इस दौरान उन्होंने ये बताने से इनकार कर दिया कि किस वजह से उन्हें यह फैसला लिया।
पवन सिंह ने क्या कहकर छोड़ा टिकट
गौरतलब है कि वर्तमान में बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शत्रुघ्न सिन्हा सांसद हैं। पवन सिंह के इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने चुनाव प्रचार अभियान शुरू होने से पहले ही सीट छोड़ दी। आसनसोल से बीजेपी का टिकट मिलने के बाद पवन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा था,‘‘भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का दिल से आभार प्रकट करता हूं। पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताते हुए मुझे आसनसोल से उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन किसी कारणवश मैं आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा…।’’
ये माना जा रहा कारण
गौर करने वाली बात ये है कि आसनसोल में बड़ी संख्या में प्रवासी रहते हैं और भाजपा को उम्मीद थी कि पवन सिंह अभिनय से राजनीति में आए शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ प्रभावी साबित होंगे। सिन्हा 2019 तक भाजपा में थे। अब भाजपा ने विवाद को शांत करने के लिए ऐसे समय में पवन सिंह को चुनाव मैदान से हटने के लिए राजी किया, जब पार्टी संदेशखालि विवाद को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साध रही है।
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