नई दिल्ली : लोकसभा में ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने महिला के सम्मान को लेकर नरेंद्र मोदी के कार्यों की तारीफ की। उन्होंने सदन को बताया कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने महिलाओं और बेटियों के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ी। अमित शाह ने कहा पीएम मोदी के लिए महिला आरक्षण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का मामला है।
बच्चियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए किया नरेंद्र मोदी ने किया ये काम
अमित शाह ने बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्रियों को जगह-जगह काफी भेंटें (गिफ्ट्स)मिलते हैं। ज्यादा से ज्यादा लोग इन गिफ्ट्स को तोशाखान में सुरक्षित रखवा देते हैं लेकिन मोदी जी ने उस वक्त सार्वजनिक ऐलान किया था कि जितनी भी भेंट या गिफ्ट आएगी सबका ऑक्शन होगा और वो रकम बच्चियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए खर्च किया जाएगा।
तनख्वाह का पैसा कर्मचारियों की बेटियों की पढ़ाई के लिए दिया
2014 में जब देश की जनता ने उन्हें पीएम चुना तो उस वक्त सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उनके बैंक अकाउंट में सीएम के तनख्वाह का जितना भी पैसा बचा था, वह सारा पैसा उन्होंने तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की बच्चियों की पढ़ाई के लिए दे दिया। अमित शाह ने कहा कि इसके लिए कोई सर्कुलर नहीं था। इसके लिए कोई कानून नहीं बनाया। जब गुजरात के सीएम थे तो बेटी बचाओ बेटी पढञाओ का नारा देशभर में दिया।
लिंग अनुपात में बहुत बड़ा परिवर्तन
गुजरात में उनके प्रयासों और जनजागृति के माध्यम से बिना किसी कानून के लिंग अनुपात में बहुत बड़ा परिवर्तन करके लाखों-लाखों बेटियों को पृथ्वी पर आने का अधिकार नरेंद्र मोदी ने दिया। तपती धूप में पूरी की पूरी सरकार गांव-गांव में जाती थी और लोगों को बच्चियों को पढ़ाने और उनके इनरॉलमेंट कराने लिए प्रोत्साहित करते थे।
मोदी जी के इन प्रयासों को यह परिणाम रहा कि लिंग अनुपात में काफी परिवर्तन आया। मोदी जी जब मुख्यमंत्री बने थे तब प्राइमरी एजुकेशन में 30 प्रतिशत ड्रॉप रेशियो था और जब उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया उस वक्त यह ृ घटकर 0.7 प्रतिशत रह गया था। इसलिए मैं कहता हूं कि महिला आरक्षण हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का मुद्दा है।
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