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Hindi News भारत राजनीति 'न हम हारे थे-न हारे हैं', विपक्ष के आरोपों पर पहली बार पीएम मोदी ने दिया जवाब

'न हम हारे थे-न हारे हैं', विपक्ष के आरोपों पर पहली बार पीएम मोदी ने दिया जवाब

संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपकी आशाओं और इच्छाओं को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ूंगा।

संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी।- India TV Hindi Image Source : PTI संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी।

शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में स्थित पुराने संसद भवन में एनडीए संसदीय दल की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में एनडीए के सभी सहयोगी दलों ने सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया है। टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू से लेकर जदयू के नीतीश कुमार तक ने बैठक में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प लिया और हर कदम पर सहयोग की बात कही। बैठक में पीएम मोदी ने भी विपक्षी दलों के उस आरोप पर जवाब दिया है जिसमें कहा जा रहा है कि वह चुनाव जीत नहीं पाए।

क्या बोले पीएम मोदी?

संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि आप किसी भी बालक से पूछिए कि लोकसभा चुनाव के पहले किसकी सरकार थी तो वह कहेगा कि NDA  और लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी NDA की सरकार बनी। तो हम हारे कहां से। पहले भी NDA की सरकार थी आज भी NDA की है और कल भी NDA की सरकार रहेगी। 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को नहीं छू पाई। 

न हम हारे थे- न हारे हैं

पीएम मोदी ने कहा कि हम न हारे थे, न हारे हैं। 4 तारीख के बाद हमारा व्यवहार हमारी पहचान बताता है कि हम जीत को पचाना जानते हैं। हमारे संस्कार ऐसे हैं कि हम न जीत में उन्माद और न ही हारे हुए का मजाक उड़ाते हैं। पीएम ने कहा कि अगर मैं कांग्रेस के  2014, 2019, और 2024 चुनाव को जोड़ों तो इन तीनों चुनावों में जितनी सीटें मिली हैं उससे अधिक हमें इसमें मिला है।

ये जीवन वन लाइफ वन मिशन- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपकी आशाओं और इच्छाओं को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ूंगा। मेरे लिए यह जन्म सिर्फ और सिर्फ, वन लाइफ वन मिशन है और वो है मेरी भारत माता। यह मिशन है 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने के लिए खप जाना।

पीएम मोदी ने ईवीएम का भी मुद्दा उठाया

उन्होंने कहा कि 4 जून के पहले ये लोग (इंडी गठबंधन) ईवीएम को लगातार गाली दे रहे थे और ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र की प्रक्रिया के प्रति लोगों का विश्वास ही उठ जाए।  मुझे तो लगता था कि इस बार ये लोग ईवीएम का अर्थी जुलूस निकालेंगे, लेकिन 4 जून को शाम आते-आते उनको ताले लग गए। ईवीएम ने उनको चुप कर दिया। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है।

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