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Hindi News भारत राजनीति वक्फ बोर्ड ने किया था किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर दावा, अब सिद्धारमैया ने दिया ये बड़ा बयान

वक्फ बोर्ड ने किया था किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर दावा, अब सिद्धारमैया ने दिया ये बड़ा बयान

कर्नाटक के विजयपुरा जिले के कुछ किसानों ने आरोप लगाया था कि उनकी जमीन को वक्फ की संपत्ति के रूप में चिन्हित किया गया है, जिसके बाद अब सीएम सिद्धारमैया ने बयान दिया है।

Wakf Board, Wakf Board Farmers Land, Wakf Board Karnataka- India TV Hindi Image Source : PTI FILE कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया।

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि विजयपुरा जिले में किसी भी किसान को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि किसानों को जारी किए गए नोटिस वापस ले लिए जाएंगे। विजयपुरा जिले के कुछ किसानों ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है। सिद्धरमैया ने कहा, ‘किसी भी किसान को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा। कल राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा, उद्योग मंत्री और विजयपुरा जिले के प्रभारी मंत्री एमबी पाटिल और वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान ने संयुक्त रूप से कहा है कि विजयपुरा के किसी भी किसान को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा।’

‘1200 एकड़ में से सिर्फ 11 एकड़ ही वक्फ संपत्ति है’

सीएम सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में कहा कि अगर किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाएगा। यादगीर और धारवाड़ जिलों में भी किसानों को इसी तरह के नोटिस जारी किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैं राजस्व मंत्री से इस पर गौर करने को कहूंगा। कहीं भी किसानों को बेदखल नहीं किया जाएगा।’ बता दें कि टिकोटा तालुक के होनावडा में 1200 एकड़ जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किए जाने को लेकर उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने हाल में कहा था कि एक ‘गलती’ की वजह से ऐसा हुआ था। उन्होंने यह भी कहा था कि 1200 एकड़ में से सिर्फ 11 एकड़ ही वक्फ संपत्ति है।

‘बीजेपी की सरकार में भी किसानों को भेजे गए थे नोटिस’

पाटिल ने कहा था कि मुद्दों को सुलझाने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस बीच पाटिल ने मंगलवार को बीजेपी पर गलत सूचना के जरिए ‘फर्जी हिंदू प्रेम’ का प्रचार करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि जब वक्फ बोर्ड ने 2019 से 2022 के बीच विजयपुरा जिले में किसानों को नोटिस भेजे थे तब बीजेपी सत्ता में थी। पाटिल ने ‘X’ पर बीजेपी की सरकार के दौरान जारी किए गए नोटिसों की प्रतियां पोस्ट कीं और विपक्षी दल की आलोचना करते हुए कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान राज्य के विकास पर ध्यान देने के बजाय ‘विभाजनकारी राजनीति’ में लिप्त रही।

मंत्री ने बीजेपी पर लगाया लोगों को गुमराह करने का आरोप

मंत्री ने कहा, ‘बीजेपी ने सत्ता में रहते हुए हिजाब, हलाल और ‘उरीगौड़ा-नंजेगौड़ा’ जैसे मुद्दों पर लोगों को गुमराह किया। अब भी वे उसी हथकंडे को जारी रखे हुए हैं। मनगढ़ंत नैरेटिव के जरिए जनता को गुमराह करने की उनकी कोशिशें अब कामयाब नहीं होंगी।’ उन्होंने कहा कि बीजेपी ने वक्फ मुद्दे पर अपनी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का पुनर्गठन किया है, जिसे शुरू में पार्टी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने पार्टी नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल की तीखी आलोचना के बाद गठित किया था। उद्योग मंत्री ने कहा कि यतनाल और एमपी रमेश जिगाजिनागी को कमेटी में शामिल करना दिखावटी लग रहा है, और इससे पार्टी के मतभेद नजर आते हैं।

‘पुश्तैनी जमीन को अचानक वक्फ की संपत्ति बता दिया’

पाटिल ने बीजेपी को चुनौती दी कि वह बताए कि उसकी सरकार के दौरान किसानों को नोटिस क्यों जारी किए गए। इससे पहले दिन में विजयेंद्र ने बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाने को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘किसानों की पुश्तैनी जमीन को अचानक वक्फ की संपत्ति बता दिया गया। किसान सड़कों पर न उतरें तो क्या करें? कांग्रेस अल्पसंख्यकों को खुश करने और धर्म के नाम पर देश को बांटने में लगी है। वह लंबे समय से ऐसा करती आ रही है। वे ज़मीर अहमद खान (वक्फ मंत्री) के नेतृत्व में राज्य में आग भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।’

‘बीजेपी ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया होता तो…’

विजयेंद्र ने दावा किया कि मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि 120 किसानों को इस मामले में नोटिस जारी किए गए थे। उन्होंने कहा,‘अगर बीजेपी ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया होता तो किसान सड़कों पर आ जाते। जब हमने यह मुद्दा उठाया तो उन्होंने टास्क फोर्स का गठन किया और किसानों से उपायुक्त से संपर्क करने को कहा।’ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल के नेतृत्व में पार्टी द्वारा गठित एक टीम विजयपुरा जिले में पहुंच गई है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी खान पर निशाना साधा और अनवर मनप्पादी रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया है कि कई कांग्रेस नेता ‘वक्फ संपत्ति को अपना बताकर करोड़ों रुपये कमा रहे हैं।’

‘मेरी निजी राय है कि वक्फ कानून को हटा देना चाहिए’

जोशी ने किसानों को नोटिस जारी करने वाले तहसीलदारों को सस्पेंड करने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। जोशी ने कहा, ‘इस देश में जो कुछ हो रहा है, उस पर कोई भी कुछ भी दावा कर सकता है। मेरी निजी राय है कि वक्फ कानून को हटा देना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार इसमें सकारात्मक बदलाव ला रही है।’ जनता दल (एस) नेता और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने रामनगर में कहा कि वक्फ संपत्ति के नाम पर ‘सरकारी या किसानों की जमीन की लूट’ के बारे में सच्चाई सामने आनी चाहिए। (भाषा)

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