Uttarakhand: कांग्रेस के लिए अभी शायद समय अच्छा नहीं चल रहा है। राष्ट्रपति चुनावों से पहले उसके विधायक और संगठन के नेता टूट रहे हैं। अभी हाल ही में महाराष्ट्र में लगभग ढाई सालों तक सत्ता में रहने के बाद सत्ता से बेदखल होना पड़ा। चुनावी राज्य गुजरात के उसके कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल पार्टी छोड़कर बीजेपी में शमिल हो गए। महाराष्ट्र में सियासी हलचल शांत हुई ही थी कि इसकी तपिश में गोवा आ गया। गोवा में विधायकों ने बगावत कर दी। पार्टी वहां मोर्चा संभालती कि पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में हलचल तेज हो गई।
हरक सिंह रावत के घर हुई बैठक
कल सोमवार को कांग्रेस के 3 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी और आम आदमी पार्टी में शमिल हो गए। जिसके बाद शाम होते-होते पार्टी के कई नेता और विधायक हरक सिंह रावत के घर जुटे और एक बैठक हुई। इस बैठक में क्या बातें हुईं और यह बैठक बुलाई किसलिए गई थी, यह तो बाहर नहीं आया लेकिन इससे पार्टी आलाकमान की टेंशन जरूर बढ़ गई। खबरों के अनुसार हरक सिंह रावत के देहरादून स्थित आवास पर हुई बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक प्रीतम सिंह, नेता विपक्ष भुवन कापड़ी, लालचंद शर्मा, विजयपाल सजवान समेत कई कांग्रेसी नेता पहुंचे थे।
बैठक ने बढ़ाई आलाकमान की चिंता
कुछ ही महीनों पहले कांग्रेस को राज्य में करारी हार का सामना करना पड़ा था और बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। उसके बाद ही कांग्रेस नेताओं की आपसी कलह सामने आने लगी थी। स्थानीय नेता पार्टी आलाकमान पर खुलकर हमलावर हो गए थे। चुनाव परिणामों के बाद केंद्रीय आलाकमान ने इस्तीफे लिए और उसके बाद पार्टी से पलायन का दौर शुरू हुआ। और अब हरक सिंह रावत के घर पार्टी नेताओं की बैठक आलाकमान की मुसीबतें और भी बढ़ा रही है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2017 से पहले भी कांग्रेस के 9 विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शमिल हो गए थे। उस वक्त भी हरक सिंह रावत सक्रिय थे। जिसके बाद पार्टी को चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि 2022 में हुए चुनावों से पहले हरक सिंह रावत वापस कांग्रेस में आ गए थे। लेकिन इसका चुनावी लाभा नहीं मिला। अब हरक सिंह फिर सक्रिय हुए हैं, जिससे आलाकमान की चिंता और भी बढ़ गई है।
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