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Hindi News भारत राजनीति अधिकारियों का पक्षपात, जातियों की गोलबंदी और..., पीएम मोदी को मिली यूपी में खराब प्रदर्शन की रिपोर्ट

अधिकारियों का पक्षपात, जातियों की गोलबंदी और..., पीएम मोदी को मिली यूपी में खराब प्रदर्शन की रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव परिणाम के करीब 1.5 महीने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तर प्रदेश में भाजपा के खराब प्रदर्शन के कारणों की रिपोर्ट सौंप दी गई है। आइए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में बुरे प्रदर्शन की क्या वजहें बताई गईं है।

पीएम मोदी ने पूछा यूपी में पार्टी की हार का कारण।- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA पीएम मोदी ने पूछा यूपी में पार्टी की हार का कारण।

लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका लगा था। भाजपा को राज्य में केवल 33 सीटें मिली जबकि बीते चुनाव में पार्टी ने 60 से ज्यादा सीटें जीती थीं। इसके बाद से ही पार्टी हार के कारणों पर मंथन कर रही है। अब बुधवार को उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है और हार के कारणों पर विस्तृत रिपोर्ट दी है। आइए जानते हैं।

भूपेंद्र चौधरी ने पीएम मोदी को दी रिपोर्ट

पीएम से मुलाकात में यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने यूपी के नतीजों पर विस्तार से रिपोर्ट दी। दोनों के बीच तकरीबन 45 मिनट की बातचीत हुई है। जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी ने पूछा- आपके रिपोर्ट में नतीजों की वजह क्या रही? इसके बाद भूपेंद्र चौधरी ने उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन के कारणों की विस्तार से जानकारी दी। आपको बता दें कि तकरीबन 40 हज़ार कार्यकर्ताओं से बात करके भूपेंद्र चौधरी ने 15 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी। 

अधिकारियों पर आरोप कार्यकर्ता भी निष्क्रिय 

भूपेंद्र चौधरी की रिपोर्ट में नाराज कार्यकर्ताओं और प्रशासन को चुनाव में खराब प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह बताया गया है। बीजेपी मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब होना भी एक कारण था। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासन के रवैये से कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी के चलते कार्यकर्ता चुनाव में निष्क्रिय रहे थे। इसके साथ ही कई जगहों के अधिकारी पर विपक्षी उम्मीदवारों की मदद करने का भी मामला रिपोर्ट में सामने आया है।

सरकारी नौकरी और जातियों की गोलबंदी 

पीएम मोदी को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कई सालों से सरकारी नौकरी में भर्ती न होने के कारण भी पार्टी को नुकसान हुआ है। इसके अलवा कहा गया है कि जातियों की विचित्र गोलबंदी रही, सीट विशेष पर अलग अलग ट्रेंड रहा। कई सीटों पर बीजेपी समर्थक जातियों ने भी बीजेपी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया, जिसका सीधा मतलब कार्यकर्ताओं की उदासीनता या भीतरघात है। 

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