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Hindi News भारत राजनीति यूपी BJP की 'तकरार' पहुंची 'दिल्ली दरबार'! पार्टी हाईकमान ने सूबे के नेताओं को दिया ये संदेश

यूपी BJP की 'तकरार' पहुंची 'दिल्ली दरबार'! पार्टी हाईकमान ने सूबे के नेताओं को दिया ये संदेश

लोकसभा चुनावों में आशातीत सफलता नहीं मिलने के बाद से ही यूपी बीजेपी के बड़े नेताओं के बीच चल रही ‘रस्साकशी’ अब सतह पर आ गई है।

Uttar Pradesh BJP, BJP Leaders, BJP High Command- India TV Hindi Image Source : PTI FILE उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं के बीच चल रही ‘रस्साकशी’ अब सतह पर आ गई है। इन्हीं सबके बीच सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार की रात बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात तकरीबन एक घंटे तक चली। साथ ही उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी के साथ भी नड्डा ने बैठक की है। लगातार चल रहा बैठकों का यह दौर बताता है कि यूपी बीजेपी में सबकुछ सही नहीं चल रहा है और सूबे में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव सिर पर हैं।

यूपी के नेताओं को हाईकमान ने दी सलाह

दिल्ली से बीजेपी हाईकमान ने यूपी के नेताओं को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह दी है। साथ ही यह भी कहा है कि सरकार और संगठन में तालमेल को लेकर गलत संदेश नहीं जाना चाहिए। हाईकमान ने साफ कर दिया है कि सभी को मिलकर विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर फोकस करना चाहिए। बता दें कि बुधवार को यानी कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर मंत्रियों की बैठक बुलाई है। सुबह 11 बजे होने वाली इस बैठक में उपचुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा होगी। अंदरूनी तकरार के बावजूद BJP ने उपचुनावों को लेकर काम शुरू कर दिया है।

घटनाक्रमों के देखते हुए उठ रहे ये सवाल

सूबे में ताजा घटनाक्रमों को देखते हुए कई सवाल उठ रहे हैं जैसे कि यूपी बीजेपी में क्या चल रहा है? दिल्ली से लखनऊ तक क्या तैयारी है? केशव प्रसाद मौर्या को दिल्ली से क्या नसीहत मिली? उपचुनाव से पहले यूपी बीजेपी में घमासान क्यों मचा हुआ है?क्या यूपी बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा? इन सब सवालों के बीच हाईकमान की तरफ से यूपी के नेताओं को साफ मैसेज आया है। पहला, यूपी के नेताओं को बेवजह के बयान नहीं देने चाहिए। दूसरा, सरकार और संगठन में तालमेल को लेकर गलत संदेश नहीं जाना चाहिए, और तीसरा, सभी को मिलकर विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर फोकस करना चाहिए।

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