अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में प्रताड़ित किए जा रहे हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने के मकसद से संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का अंतिम मसौदा जल्द ही सामने आ सकता है। उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का पद संभाल रहे अजय मिश्रा ने इस बारे में बड़ा अपडेट जारी किया है।
कब तक तैयार होगा मसौदा?
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने रविवार को CAA लागू करने की तैयारी पर बड़ी जानकारी दी है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में मतुआ समुदाय की सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि CAA का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि बीते कुछ सालों से CAA लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है।
कौन हैं मतुआ समुदाय?
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने बताया कि मतुआ समुदाय के लोग बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आ गए थे। उन्होंने कहा कि कोई भी मतुआ समुदाय से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता। बता दें कि CAA में 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान हैं।
टीएमसी ने साधा निशाना
CAA पर अजय मिश्रा द्वारा दिए गए बयान पर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा को केवल चुनाव के दौरान मतुआ और सीएए की याद आती है। भगवा पार्टी पश्चिम बंगाल में कभी भी CAA लागू नहीं कर पाएगी। उन्होंने दावा किया कि अगले साल के चुनाव में भगवा पार्टी को सभी खारिज कर देंगे।
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