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Hindi News भारत राजनीति आज है बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की जयंती, PM मोदी ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

आज है बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की जयंती, PM मोदी ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

Bal Gangadhar Tilak, Chandrashekhar Azad, Narendra Modi- India TV Hindi Image Source : PTI FILE प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महान स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने 'X' पर एक पोस्ट में कहा, ‘लोकमान्य तिलक को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। उन्हें भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में हमेशा एक महान व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने राष्ट्रवाद की भावना को प्रज्वलित करने के लिए अथक प्रयास किया और साथ ही शिक्षा व सेवा पर जोर दिया।’

पीएम ने भाषण का लिंक भी किया शेयर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे में पिछले साल आयोजित एक कार्यक्रम में अपने भाषण का वीडियो लिंक भी शेयर किया। इस कार्यक्रम में उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बता दें कि बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था। उन्हें लोकमान्य के नाम से भी जाना जाता है। तिलक को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य योगदान के लिए याद किया जाता है। महात्मा गांधी ने उन्हें ‘आधुनिक भारत का निर्माता’ कहा था।

आजाद को बताया एक ‘निडर नायक’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अन्य पोस्ट में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने आजाद को एक ऐसा निडर नायक बताया, जो भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध था। मोदी ने कहा, ‘उनके आदर्श और विचार लाखों लोगों, खासकर युवाओं के दिलो-दिमाग में आज भी गूंजते रहते हैं।’ मध्य प्रदेश के भावरा में 1906 में जन्मे आजाद ने एक क्रांतिकारी नेटवर्क चलाया था और अंग्रेजों के हाथों कभी भी नहीं पकड़े जाने की प्रतिज्ञा ली थी।

मध्य प्रदेश में हुआ था आजाद का जन्म

चंद्रशेखर आजाद ने बहुत कम उम्र में ही अंग्रेज सरकार को नाकों चने चबवा दिए थे। ‘आजाद’ बने रहने के अपने संकल्प पर कायम रहते हुए, 1931 में पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान खुद को गोली मार ली थी। चंद्रशेखर आजाद के सम्मान में सरकार ने भावरा का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद नगर कर दिया है।

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