नई दिल्ली: भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के रिश्ते जगजाहिर है। टीएमसी राष्ट्रीय अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए गए राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ भी टीएमसी और ममता बनर्जी के रिश्ते पहले दिन से ही तल्ख रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई कि ममता बनर्जी ने राज्यपाल को ट्विटर पर ब्लॉक तक कर दिया। इस बीच मंगलवार को लोकसभा में बजट पेश होने और सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाने के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरोधी दलों की बेंच की तरफ जाकर टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत राय और सुदीप बंदोपाध्याय से बात कर रहे थे उसी दौरान सौगत राय ने प्रधानमंत्री मोदी से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की शिकायत करते हुए उन्हें हटाने की मांग कर दी।
इस पूरे वाकये के बारे में बात करते हुए टीएमसी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद सौगत राय ने बताया कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कामकाज के तौर-तरीके के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि एक संवैधानिक पद पर होने के बावजूद राज्यपाल राज्य की चुनी हुई सरकार के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं। सौगत राय ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्यपाल जगदीप धनखड़ को वापस बुलाने (हटाने) की मांग की। इसके जवाब में हंसते हुए मजाकिया अंदाज में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले आप रिटायर हो जाइए फिर उन्हें (राज्यपाल) वापस बुला लेंगे।
मुस्कुराते हुए सौगत राय ने दोबारा राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग की, इस बार भी प्रधानमंत्री ने मजाकिया अंदाज में अपने उसी जवाब को दोहरा दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सौगत राय से उनके स्वास्थ्य और तबियत के बारे में भी पूछा। इसके बाद कांग्रेस सांसदों के बेंच के पास पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से हाथ मिलाया और उनके कंधे पर हाथ रखकर काफी देर तक बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान डीएमके सांसद ए राजा, फारूक अब्दुल्ला, नवनीत कौर राणा, दयानिधि मारन और एन के प्रेमचंद्रन सहित कई अन्य सांसदों से भी बातचीत करते नजर आए।
(इनपुट- एजेंसी)
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