'जिनका नाम सीताराम, नहीं जाएंगे अयोध्या धाम', वीएचपी नेता विनोद बंसल ने येचुरी और सपा पर कसा तंज
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर राजनीति भी गरमाई हुई है। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी को समारोह का निमंत्रण मिला है लेकिन वे कार्यक्रम में नहीं जाएंगे।
नई दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इससे पहले सियासत भी चरम पर है। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिलने के बाद समारोह में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने येचुरी पर निशाना साधा। विनोद बंसल ने अपने ट्वीट में लिखा-'जिनका नाम सीताराम, नहीं जाएंगे अयोध्या धाम। राजनैतिक विरोध तो समझ आता है किंतु अपने नाम से भी इतनी घृणा किसी को हो, वह तो कम्युनिस्ट ही हो सकता है! द्वेष राम से है या स्वयं के नाम से है, बताना तो बनता है...!!
नाम के समाजवादी और काम के नमाजवादी-बंसल
वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद की तरफ से आए बयान पर भी विनोद बंसल ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि नाम के समाजवादी और काम के नमाजवादी..!! हिंदू, हिन्दुत्व और हिंदू मानबिन्दुओं का अपमान करना, लगता है, इन समाज कंटक लोगों के डीएनए का हिस्सा बन चुका है!! बाबर चला गया, बाबरी धूल धूसरित हो चुकी, पार्टी का धरातल रसातल में पहुंच गया किंतु फिर भी मानसिकता वही, जैसे ये बाबर की संताने हों...राम आ रहे हैं, रामद्रोह से बाज आओ और आप भी लौट आओ...
22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम के लिए राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य गणमान्य लोगों को भी आमंत्रित किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य दलों के नेताओं को भी न्योता भेजा गया है। कांग्रेस ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पार्टी के शीर्ष नेताओं के शामिल होने या न होने के बारे में अपना रुख स्पष्ट नहीं किया। हालांकि पार्टी ने कहा कि वह निमंत्रण के लिए आभारी है।कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि क्या पार्टी नेता समारोह में शामिल होंगे, इसपर उन्होंने कहा, “आपको पार्टी के रुख के बारे में पता चल जाएगा। आपको शिरकत के बारे में 22 जनवरी को पता चल जाएगा।” वेणुगोपाल ने कहा, “उन्होंने हमें आमंत्रित किया है, हमें आमंत्रित करने के लिए हम उनके बहुत आभारी हैं। देखते हैं।”