Ghulam Nabi Azad: गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पांच पेज के इस्तीफे में कई बातें कही हैं। इसमें खासतौर पर राहुल गांधी पर हमला बोला है। उन्होंने इस खत में राहुल पर बचकाने व्यवहार का आरोप लगाया और कांग्रेस की 'खस्ता हालात' और में 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है। सोनिया गांधी को लिखी गई 5 पेज की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने लिखा है, 'जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया।' सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली बनने लगी।
राहुल की लीडरशिप को आजाद हमेशा मानते रहे कमजोर
राहुल गांधी के कामकाम से गुलाम नबी आजाद पहले से ही संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर ही सवाल उठाए हैं। अगले माह जब कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव होंगे तब जो भी अध्यक्ष बनेगा, वो भी कांग्रेस के गांधी परिवार खासतौर पर राहुल गांधी का पपेट होगा। इस तरह उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष किया।उन्होंने राहुल गांधी पर इस बात के लिए भी हमला बोला कि वे मीडिया में जिस तरह से या जिस टेंपरामेंट के साथ मुखातिब होते हैं, उससे पार्टी की छवि अच्छी नहीं बल्कि खराब ही होती है।
पद्मभूषण मिलने पर राहुल गांधी एंड टीम ने उठाए थे सवाल
कांग्रेस में किस कदर राहुल गांधी और उनकी टीम हावी है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगा था जब गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण मिला था।
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई तब भी देखने को मिली थी। क्योंकि कांग्रेस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले गुलाम पहले से ही राहुल गांधी और उनके आसपास के मंडली के नेताओं को खटक रहे थे।गुलाम नबी आजाद को दिया गया पद्म भूषण भी पार्टी को नागवार गुजरा था।
तब राहुल गांधी के रणनीतिकार माने जाने वाले जयराम रमेश ने उन पर परोक्ष रूप से सरकार का गुलाम होने तक का तंज कस दिया था। और तो और, एक दिन गुजरने के बाद भी कांग्रेस के किसी शीर्ष नेता ने उन्हें बधाई तक नहीं दी।
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