बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि मनमाने ढंग से घर गिराना कानून का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों में कानून का राज होना चाहिए। किसी की भी संपत्ति को मनमाने ढंग से नहीं गिरा सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है तो कानूनन ही उसके घर को गिराया जा सकता है। इसके लिए आरोपी या दोषी होना किसी के घर को तोड़ने का आधार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि मनमाने ढंग से संपत्ति पर बुलडोजर चलवाने वाले अधिकारी इसके लिए जवाबदेह होंगे। साथ ही अगर किसी अधिकारी ने मनमानी अवैध कार्रवाई की है तो उसे दंडित किया जाएगा।
अबू आजमी बोले- आरोपी अधिकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अब अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान भी सामने आने लगे हैं। इसे लेकर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के मुखिया अबू आजमी ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं। अब जिन-जिन अधिकारियों ने बेगुनाह लोगों के घर गिराए हैं, उनपर सख्त कार्रवाई की जाए, उन्हें जेल में डाला जाएगा। हम मांग करते हैं कि अबतक जितने भी लोगों के घरों पर बुलडोजर चला है उसका हर्जाना सरकार से वसूला जाए। किसी एक के जुर्म की सजा पूरे परिवार को नहीं मिल सकता है।'
ओमप्रकाश राजभर बोले- कोर्ट का फैसला पढ़कर तय करेंगे
वहीं बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर ओमप्रकाश राजभर ने कहा, 'अगर किसी ने कब्जा किया है तो कार्रवाई होगी। सरकार कानून के दायरे में काम करती है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी तरह पढ़कर आगे तय किया जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर किसी शख्स का मनमाने ढंग से मकाना गिराया तो मुआवजा मिलना चाहिए। कानूनी प्रक्रिया बिना बुलडोजर चलाना असंवैधानिक है। किसी एक की गलती की सजा पूरे परिवार को नहीं दे सकते हैं। आरोपी एक है तो पूरे परिवार का घर क्यों छीना जाए।
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