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Hindi News भारत राजनीति 'मां सरस्वती और लक्ष्मी कमल पर विराजती हैं, कमल से ही देश की समृद्धि' राहुल गांधी को BJP सांसद का जवाब

'मां सरस्वती और लक्ष्मी कमल पर विराजती हैं, कमल से ही देश की समृद्धि' राहुल गांधी को BJP सांसद का जवाब

सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा कि धन की देवी लक्ष्मी और ज्ञान की देवी सरस्वती कमल पर ही विराजती हैं। ऐसे में कमल खिला रहेगा तो देश में समृद्धि बनी रहेगी।

Sudhanshu trivedi- India TV Hindi Image Source : RAJYASABHA TV सुधांशु त्रिवेदी

लोकसभा में राहुल गांधी ने बजट को लेकर पीएम मोदी की अगुआई वाली सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और नीतियों को लेकर सवाल भी खड़े किए। राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं और सोमवार के दिन सदन में उनका भाषण पूरे दिन चर्चा में रहा। राहुल गांधी के आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने जवाब दिया। हालांकि, राहुल गांधी का भाषण लोकसभा में था और सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा में इसका जवाब दिया। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच सीधी बहस नहीं हुई, लेकिन राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल के सवालों का करारा जवाब दिया।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि धन की देवी लक्ष्मी और ज्ञान की देवी सरस्वती कमल पर ही विराजती हैं। ऐसे में कमल खिला रहेगा तो देश में समृद्धि बनी रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारतीय पुराणों में कई तरह के व्यूह हैं, लेकिन कुछ लोगों का ज्ञान सीमित है।

कांग्रेस के पिछली सरकारों पर साधा निशाना

सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते हुए जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और समकालीन सरकारों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार हलुआ खाती रही और अब इस पर सवाल खड़े कर रही है। 1955 से लेकर 1977 तक और 1980 से लेकर अगले 10 साल तक कांग्रेस सत्ता में थी। समिति की रिपोर्ट मिलने के बावजूद ओबीसी समुदाय के लिए कुछ नहीं किया गया। राहुल गांधी ने कहा था कि हलुआ सेरेमनी में एसटी-एससी कैटेगरी के लोग नहीं थे। इस पर त्रिवेदी ने कहा कि शायद राहुल गांधी को राज्य वित्त मंत्री नहीं दिखे।

राहुल ने क्या कहा था?

राहुल गांधी ने कहा कि हजारों साल पहले कुरूक्षेत्र में छह लोगों ने अभिमन्यु को 'चक्रव्यूह' में फंसाया और उन्हें मार डाला। मैंने थोड़ा शोध किया और पता चला कि 'चक्रव्यूह' को 'पद्मव्यूह' के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है 'कमल निर्माण'। 'चक्रव्यूह' कमल के आकार का है। 21वीं सदी में एक नया 'चक्रव्यूह' रचा गया है, वो भी कमल के फूल के रूप में। इसका चिन्ह प्रधानमंत्री अपने सीने पर पहनते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है। युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम व्यवसाय आज भी 'चक्रव्यूह' के केंद्र में हैं, जिसे छह लोग नियंत्रण करते हैं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी। स्पीकर ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने कहा कि अगर आप चाहें तो मैं एनएसए, अंबानी और अडानी का नाम छोड़ दूंगा और सिर्फ 3 नाम लूंगा।

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