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Hindi News भारत राजनीति "पत्नी दे इजाजत तो दूसरी शादी में क्या तकलीफ है", UCC पर सपा सांसद एसटी हसन बोले- 2024 की तैयारी है

"पत्नी दे इजाजत तो दूसरी शादी में क्या तकलीफ है", UCC पर सपा सांसद एसटी हसन बोले- 2024 की तैयारी है

सपा सांसद एसटी हसन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शरीयत का कानून अगर हम अपने ऊपर कुछ लागू कर रहे हैं, तो किसी दूसरे को तकलीफ क्यों है।

सपा सांसद एसटी हसन- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO सपा सांसद एसटी हसन

उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (SP) सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हमारा देश अनेकताओं में एकता का देश है। हमारा देश रंग-बिरंगे फूलों का गुलदस्ता है। जिस वक्त देश आजाद हुआ था, तब कानून बना था कि हर इंसान को अपने मजहब को फॉलो करने की इजाजत होगी और अपने धर्म को प्रोमोट करने की भी इजाजत होगी, ये संविधान में लिखा हुआ है। 

"मुसलमान कुरान पाक को इनकार नहीं कर सकता"

उन्होंनेक कहा, "शरीयत का कानून अगर हम अपने ऊपर कुछ लागू कर रहे हैं, तो किसी को दूसरे को तकलीफ क्यों है। इस्लाम पहला मजहब है, जिसने 1400 साल पहले महिलाओं को उनकी पैतृक संपत्ति में अधिकार दिया था। वो अलग बात है कि लड़के को कितना और लड़की को कितना हिस्सा दिया गया, कुरान शरीफ में इसका हुक्म दिया गया है। कोई भी मुसलमान कुरान पाक को इनकार नहीं कर सकता, अगर वो अच्छा मुसलमान है तो। कुरान पाक ने हमें जो हिदायतें दी हैं हम उसी को फॉलो करेंगे। मुसलमान कुारान पाक की रूह से अपने फैसले करेगा। जो संपत्ति अपने बच्चों में बांटनी है, उसको अपने शरीयत के हिसाब से देगा, इससे किसी को तकलीफ क्यों है आखिर।"

दूसरी शादी के सवाल पर क्या कुछ बोले सपा सांसद?

सपा सांसद ने आगे कहा, "जहां तक सवाल है दूसरी शादी नहीं कर सकते, तो मैं सवाल पूछता हूं कि अगर किसी की पत्नी बहुत बीमार है या किसी की पत्नी को बच्चे नहीं होते, कोई डिफेक्ट है, तो पत्नी की इजाजत से दूसरी शादी करने में आपको क्या तकलीफ है। अगर आपने हमारे देश के अंदर बेहाई को आम कर दिया है। आपने लिव इन रिलेशनशिप, होमोसेक्सुअल्टी को संवैधानिक दर्जा दे दिया, तो आप किस मुंह से कह सकते हैं कि दूसरी शादी मत करो।" 

"कुरान के अहकमातों से किसी दूसरे को कोई तकलीफ नहीं"

उन्होंने कहा "मेरा ऑब्जेक्शन है कि हम मुसलमान जो कुरान के अहकमात जो साफ-साफ लिखे हैं उसको फॉलो करते हैं। इन अहकमातों से किसी दूसरे को कोई तकलीफ नहीं है, ये हमारे पर्सनल लॉ हैं, इसको खत्म करेंगे तो इसका हम जबरदस्त विरोध करेंगे। उनसे जब पूछा गया कि तो फिर आप कौन सा कानून मानेंगे, इस पर सपा सांसद ने जवब दिया कि अब तक 75 सालों से कौन सा कानून मान रहे हैं, किसी को क्या परेशानी आई। पैतृक संपत्ति में अगर लड़के से लड़की का हिस्सा कम है, तो किसी ने शिकायत की?"

"कौन कितना मुसलमानों को टॉर्चर कर ले उतना ही बड़ा बीजेपी का नेता"

एसटी हसन ने कहा, "असल में सवाल UCC नहीं है, ये 2024 की तैयारी है। कैसे इस देश के रहने वालों को हिंदू-मुसलमान भाइयों के बीच में दरारें पैदा करो, इसे लेकर होड़ मची हुई है। बीजेपी के नेताओं में कौन कितना मुसलमानों को टॉर्चर कर ले उतना ही बड़ा पार्टी का नेता बनता है। ये बात मुसलमानों को अच्छी तरह से समझ आ गई है।"

                         - राजीव शर्मा की रिपोर्ट

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